पुणे/मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि प्रशासन मराठा आरक्षण के लिए कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में जारी प्रदर्शन पर मुंबई उच्च न्यायालय के निर्देशों को लागू करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे के समाधान के लिए संभावित कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री का यह आश्वासन उच्च न्यायालय द्वारा यह टिप्पणी किए जाने के कुछ ही देर बाद आया कि जरांगे और उनके समर्थकों ने प्रथम दृष्टया शर्तों का उल्लंघन किया है.
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने कहा कि चूंकि प्रदर्शनकारियों के पास आंदोलन जारी रखने के लिए वैध अनुमति नहीं है, इसलिए वह उम्मीद करती है कि राज्य सरकार उचित कदम उठाकर कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेगी.
अदालत ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अब कोई भी प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश न कर सके, जैसा कि जरांगे ने दावा किया है. फडणवीस ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ”सरकार उच्च न्यायालय के निर्देशों को लागू करेगी.” उन्होंने इस आरोप को खारिज कर दिया कि कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ”(मराठा प्रदर्शनों से संबंधित) छिटपुट घटनाएं हुई हैं, जिन्हें पुलिस ने कुछ ही देर में संभाल लिया.” उन्होंने कहा कि अदालत ने टिप्पणी की है कि मुंबई में विरोध प्रदर्शन के लिए दी गई अनुमति की शर्तों का कुछ उल्लंघन हुआ है. फडणवीस ने कहा, ”मैं यात्रा कर रहा था, इसलिए मुझे ठीक से नहीं पता कि अदालत ने क्या टिप्पणी की. मुझे जानकारी मिली है कि अदालत ने पाया है कि मुंबई में विरोध प्रदर्शन के लिए दी गई अनुमतियों के संबंध में कुछ उल्लंघन हुए हैं. मुंबई की सड़कों पर जो कुछ भी हो रहा है, अदालत ने उस पर नाराजगी व्यक्त की है.”
फणवीस ने विरोध प्रदर्शन के समाधान के संदर्भ में कहा, ”बातचीत माइक पर नहीं हो सकती, हमें पता होना चाहिए कि किससे बात करनी है. हम अड़े नहीं हैं.” उन्होंने कहा कि आरक्षण आंदोलन से उत्पन्न स्थिति को लेकर आज सुबह उनकी अध्यक्षता में उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ बैठक में प्रदर्शनकारियों की मांगों के संबंध में कानूनी विकल्पों पर चर्चा की गई.
फडणवीस ने कहा, ”हमने सभी कानूनी विकल्पों पर विचार-विमर्श किया और कानूनी समाधान तलाशने के लिए काम कर रहे हैं, जो अदालत में टिक सके.” जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अनशन कर रहे हैं. वह मराठों के लिए ‘कुनबी’ का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं ताकि समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके.
फडणवीस ने प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने की सामग्री की आपूर्ति रोकने के लिए आजाद मैदान के पास की दुकानों को बंद करने का आदेश देने के दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ”आंदोलनकारियों द्वारा सड़कों पर मचाए गए हंगामे के कारण दुकानें बंद रहीं. दुकानदारों को अपने परिसर खोलने के लिए कहा गया है और पुलिस की मौजूदगी का आश्वासन दिया गया है.”


