न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि ‘ब्रिक्स’ गठबंधन लंबे समय तक नहीं टिकेगा, क्योंकि इसके सदस्य देश ”एक-दूसरे से नफरत करते हैं.” उन्होंने इन देशों के व्यापार करने के तौर-तरीकों की तुलना अमेरिका का शोषण करने वाले ”पिशाचों” से की है. ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, लेकिन इसका 2024 में विस्तार करके इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया तथा 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया.
नवारो ने सोमवार को ‘रियल अमेरिकाज वॉयस’ कार्यक्रम को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ”मुझे समझ नहीं आता कि ब्रिक्स गठबंधन कैसे एकजुट रह सकता है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से ये सभी एक-दूसरे से नफरत करते रहे हैं और एक-दूसरे को मारते रहे हैं.” ब्रिक्स देशों पर तीखा निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ”असल बात यह है कि इस समूह का कोई भी देश तब तक जीवित नहीं रह सकता जब तक वे अमेरिका को अपना माल नहीं बेचते. और जब वे अमेरिका को निर्यात करते हैं, तो वे अपनी अनुचित व्यापार नीतियों से पिशाचों (वैम्पायर) की तरह हमारी नसों का खून चूसते हैं.” रूस से तेल आयात और ऊंचे शुल्कों को लेकर भारत के खिलाफ आए दिन राग अलापने वाले नवारो ने कहा कि भारत दशकों से चीन के साथ युद्ध लड़ रहा है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ”और मुझे अभी याद आया, हां, पाकिस्तान को परमाणु बम चीन ने ही दिया था. अब आपके पास हिंद महासागर में चीनी झंडे लिए हवाई जहाज. घूम रहे हैं. (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी, देखिए आप इसे कैसे संभालते हैं.” उन्होंने यह भी दावा किया कि रूस का ”चीन के साथ पूरी तरह गठजोड़” है.
नवारो ने दावा किया कि बीजिंग की नजर रूसी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक पर है और वह पहले से ही ”बड़े पैमाने पर अवैध आव्रजन” के ज.रिए ”साइबेरिया, जो रूसी अर्ध-साम्राज्य का सबसे बड़ा भूभाग है, पर उपनिवेश स्थापित कर रहा है.” उन्होंने कहा, ”तो (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन, आपको उसके लिए शुभकामनाएं.” ब्राजील को लेकर नवारो ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था राष्ट्रपति लुइज. इनासियो लूला दा सिल्वा की ”समाजवादी नीतियों” के कारण ”गर्त” में जा रही है, जबकि ह्लवे उस देश के असली नेता को जेल में रखे हुए हैं.” उनका इशारा पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की ओर था, जो फिलहाल नजरबंद हैं और 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद कथित तख़्तापलट की साजिश रचने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
इससे पहले, नवारो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है और ”वह ‘एक्स’ पर दुष्प्रचार फैलाने वाले बस कुछ लाख लोगों को ही जगह दे सकता है ताकि किसी जनमत सर्वेक्षण के साथ छेड़छाड़ कर सके. कितना बड़ा मजाक है. अमेरिका: देखो कि किस तरह विदेशी हित हमारे सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं.” साक्षात्कार में नवारो ने चेतावनी दी कि भारत को किसी न किसी समय अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर ”सहमत होना ही पड़ेगा”. अगर ऐसा नहीं होता है, तो नयी दिल्ली रूस और चीन के साथ खड़ी नज.र आएगी और यह भारत के लिए ”अच्छा” नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस बात से आहत हुई है कि उन्होंने भारत को शुल्क (टैरिफ) का ”महाराजा” कहा था.
नवारो ने कहा, ”लेकिन यह बिल्कुल सच है. अमेरिका के खिलाफ दुनिया के किसी भी बड़े देश में सबसे ऊंचे शुल्क भारत ही लगाता है. हमें इससे निपटना होगा.” उन्होंने दावा किया कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले भारत ने कभी मॉस्को से तेल नहीं खरीदा था, ”सिवाय बहुत ही थोड़ी मात्रा के.” इसके बाद भारत ने मुनाफाखोरी का रुख अपना लिया, जहां रूसी रिफाइनर भारत की ज.मीन पर आकर लाभ कमा रहे हैं, और अंतत? अमेरिकी करदाताओं को इस संघर्ष के लिए और अधिक पैसा भेजना पड़ता है. रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन पर अतिरिक्त प्रतिबंधों को लेकर नवारो ने कहा कि वाशिंगटन एक ”नाज.ुक संतुलन” बना रहा है. उन्होंने एक बार फिर भारत से रूसी तेल का आयात बंद करने की अपील की.


