देश के वाहन उद्योग को पांच साल में दुनिया में अव्वल बनाने का लक्ष्य: गडकरी

vikasparakh
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नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य पांच साल के भीतर भारत के वाहन उद्योग को दुनिया में अव्वल बनाना है. गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के वाहन उद्योग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है क्योंकि देश के पास प्रशिक्षित जनशक्ति है. देश में सभी बड़ी वाहन कंपनियां मौजूद हैं.

मंत्री ने कहा, ”पांच साल के भीतर, हमारा लक्ष्य भारत के वाहन उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है… यह मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं.” गडकरी ने बताया कि भारत में विनिर्मित वाहनों की गुणवत्ता अच्छी है और लागत कम है. उन्होंने कहा, ”जब मैंने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला था, तब भारतीय वाहन उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ रुपये था. अब भारतीय वाहन उद्योग का आकार 22 लाख करोड़ रुपये है.” वर्तमान में अमेरिकी वाहन उद्योग का आकार 78 लाख करोड़ रुपये है. इसके बाद चीन (47 लाख करोड़ रुपये) और भारत (22 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है.

गडकरी ने कहा कि भारत कोयला, पेट्रोल जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात पर 22 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहा है और इस ईंधन के आयात के कारण, ”हमें प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.” मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियां इले्ट्रिरक कार, बस और ट्रक बना रही हैं क्योंकि ये बहुत किफायती हैं. लिथियम-आयन बैटरी की लागत भी कम हो रही है. समय के साथ, पेट्रोल, डीजल और इले्ट्रिरक वाहनों की कीमतें समान हो जाएंगी. मंत्री ने बताया कि भारत में इले्ट्रिरक बसों की विनिर्माण क्षमता 50,000-60,000 प्रति वर्ष है, लेकिन देश की आवश्यकता प्रति वर्ष 1,00,000 बसों की है.

उन्होंने कहा, ”हमें इले्ट्रिरक बसों का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है… निर्यात का भी एक बड़ा बाजार है. यह इले्ट्रिरक वाहन कंपनियों के लिए एक अवसर है.” गडकरी ने कहा, ”परिवहन मंत्रालय कृषि उपकरण वाहनों में फ्लेक्स-फ्यूल (एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) इंजन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रहा है.” ई-20 (पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण) को लेकर सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंता पर प्रतिक्रिया देते हुए, गडकरी ने कहा कि पेट्रोलियम क्षेत्र इस कदम के खिलाफ काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ”हर जगह लॉबी होती हैं, हित होते हैं…पेट्रोल लॉबी बहुत समृद्ध है.”

सरकार सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या शून्य स्तर पर लाने के लिए काम कर रही: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या को शून्य स्तर पर लाने के लिए काम कर रही है. जोमैटो और उबर द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा का मुद्दा केवल सड़क और वाहन इंजीनियरिंग से ही संबंधित नहीं है, बल्कि यह मानवीय व्यवहार से भी जुड़ा है.

उन्होंने कहा, ”हम सड़क दुर्घटनाओं को शून्य करने के लिए काम कर रहे हैं और सभी हितधारकों की मदद से हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.” सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों की संख्या को आधा करना है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2023 में 4.2 प्रतिशत बढ.कर 4.8 लाख से अधिक हो गई, जिसके परिणामस्वरूप हर घंटे 20 लोगों की मौत हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में हर घंटे 55 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2023’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ”देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों ने वर्ष 2023 के दौरान कुल 4,80,583 सड़क दुर्घटनाओं की सूचना दी है. इनमें 1,72,890 लोगों की जान गई और 4,62,825 लोग घायल हुए.” जोमैटो और उबर ने सड़क सुरक्षा के लिए ‘सड़क सुरक्षा अभियान’ का समर्थन करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ सहयोग किया.

यह घोषणा गडकरी और प्रसिद्ध लेखक, कवि तथा सड़क सुरक्षा अभियान के विचारक प्रसून जोशी ने की, जिनके साथ जोमैटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आदित्य मंगला और उबर इंडिया एवं दक्षिण एशिया के सुरक्षा संचालन प्रमुख सूरज नायर भी मौजूद थे.
इस पहल के तहत दोनों कंपनियां इस संदेश को अपने मंचों पर एकीकृत कर रही हैं. जोमैटो अपने डिलीवरी पार्टनर ऐप और अपने उपभोक्ता-केंद्रित खाद्य वितरण मंच के माध्यम से सड़क सुरक्षा संदेशों का प्रसार करेगा.

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