ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष सुलझाने का फिर किया दावा

vikasparakh
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लंदन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने इस वर्ष के शुरू में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप किया था. बकिंघमशायर में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के चेकर्स स्थित आवास पर कीर स्टार्मर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी ”सबसे बड़ी निराशा” यह है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष को लेकर ”उन्हें हताश” किया, लेकिन व्यापार के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के साथ सफल रहे.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ”बहुत करीब” होने के बावजूद रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) का भी उल्लेख किया. ट्रंप ने कहा, ”आप (भारत और पाकिस्तान) हमारे साथ व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको साथ मिलकर काम करना होगा. और वे (भारत और पाकिस्तान) इस पर जोर-शोर से आगे बढ़ रहे थे.” अप्रैल में पहलगाम में पाकिस्तान सर्मिथत आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ”पूर्ण और तत्काल” संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं और बार-बार दावा किया है कि उन्होंने परमाणु-संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा है कि यदि वे संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ ”बहुत सारा व्यापार” करेगा.

भारत ने किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से लगातार इनकार किया है और कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी. भारत पर लगाये गये व्यापार शुल्कों पर ट्रंप ने कहा, ”सीधी सी बात है, अगर तेल की कीमतें गिरती हैं, तो पुतिन युद्ध से पीछे हट जाएंगे. उनके पास कोई विकल्प नहीं होगा. वह उस युद्ध से पीछे हट जाएंगे.”

ट्रंप ने कहा, ”और जब मुझे पता चला कि यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, और जैसा कि आप जानते हैं, मैं भारत के बहुत करीब हूं. मैं भारत के प्रधानमंत्री के बहुत करीब हूं, मैंने कल ही उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए उनसे बात की थी. हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं और उन्होंने एक सुंदर बयान भी दिया था. लेकिन मैंने उन्हें मंजूरी दे दी है.” ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन अमेरिका को ”बहुत बड़ा टैरिफ” दे रहा है और वह संघर्ष में हस्तक्षेप करने के लिए तभी तैयार हैं जब ”जिन लोगों के लिए मैं लड़ रहा हूं वे रूस से तेल खरीद रहे हों.”

उन्होंने कहा, ”यदि तेल की कीमत कम हो जाती है, तो रूस समझौता कर लेगा, और तेल की कीमत बहुत नीचे आ गई है, हमने इसे बहुत नीचे ला दिया है.” रूस-यूक्रेन स्थिति पर, ट्रंप ने कहा कि उन्हें ”कुछ अच्छी खबर” मिलने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसका अमेरिका पर सीधा असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ”आप (ब्रिटेन) हमसे कहीं ज्यादा उस घटना के करीब हैं. हमें एक पूरा महासागर अलग करता है. लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि उस युद्ध में लाखों लोग मारे गए हैं.” संयुक्त संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत करते हुए स्टार्मर ने कहा कि वह ब्रिटेन-अमेरिका साझेदारी के बारे में ”पहले से कहीं अधिक आशावादी और पहले से कहीं अधिक आश्वस्त” हैं. इजराइल-हमास संघर्ष के बाद फलस्तीनी देश को मान्यता देने की ब्रिटेन की योजना के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि सात अक्टूबर, 2023 के हमलों में बंधक बनाए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए. उन्होंने स्वीकार किया, ”इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री (स्टार्मर) से मेरी असहमति है. दरअसल, यह हमारी कुछ असहमतियों में से एक है.”

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