हिरासत में यातना देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी: केंद्रीय मंत्री गोपी

vikasparakh
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कोझिकोड/त्रिशूर. केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को कहा कि केरल में ‘आपातकाल जैसी स्थिति’ बनी हुई है और त्रिशूर जिले में पुलिस हिरासत में यातना देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. युवा कांग्रेस नेता वी.एस. सुजीत को पांच अप्रैल, 2023 को सड़क किनारे खड़े उनके दोस्तों को धमकाने वाले पुलिस अधिकारियों से सवाल करने के लिए हिरासत में लिया गया था. सुजीत को हिरासत में लेने के बाद कुन्नमकुलम थाने में कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया था.

सुजीत ने हाल ही में सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत थाने का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किया, जिसके बाद यह मामला सामने आया. पीची थाने में एक अधिकारी को एक रेस्तरां के कर्मचारियों को पीटते देखा गया. पीची थाने का यह फुटेज त्रिशूर के व्यवसायी और ‘लैली ग्रुप’ के प्रबंध निदेशक के.पी. ओसेफ ने जारी किया. ओसेफ के कर्मचारियों को 24 मई, 2023 को पीची थाने के अंदर कथित तौर पर पीटा गया था.

गोपी ने कहा, “कार्रवाई की जाएगी. मैं अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली हर वो चीज करूंगा, जो की जा सकती है. यह बहुत ही बुरी बात है. राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति है.” गोपी ने कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मी द्वारा पिटाई करने का सीसीटीवी फुटेज देखा है.
गोपी त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

इस बीच, पुलिस ने मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की कथित तौर पर योजना बना रहे युवा कांग्रेस के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. अधिकारियों ने बाद में बताया कि हिरासत एक एहतियाती कदम था. कांग्रेस और पार्टी की युवा शाखा कुन्नमकुलम थाने के उन चार पुलिसर्किमयों को बर्खास्त करने की मांग कर रही है, जिन्हें 2023 में सुजीत पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी त्रिशूर में सुजीत से मुलाकात कर उनके साथ एकजुटता व्यक्त की.

पीची थाने की सीसीटीवी फुटेज से हिरासत में यातना की नई घटना का खुलासा

केरल के त्रिशूर जिले स्थित पीची थाने में मई 2023 में एक अधिकारी द्वारा रेस्तरां कर्मचारी को बुरी तरह से पीटने की सीसीटीवी फुटेज रविवार को सामने आयी. इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस हिरासत में यातना दिये जाने के एक नये मामला का खुलासा हुआ. यह फुटेज त्रिशूर के व्यवसायी और ‘लैली ग्रुप’ के प्रबंध निदेशक के.पी. ओसेफ ने जारी किया. ओसेफ के कर्मचारियों को 24 मई, 2023 को पीची थाने के अंदर कथित तौर पर पीटा गया था.

ओसेफ के अनुसार, यह घटना पलक्कड़ के धिनेश और पट्टीकाड स्थित उनके रेस्तरां के कुछ कर्मचारियों के बीच हुई कहासुनी के बाद शुरू हुई. उन्होंने बताया कि बाद में धिनेश ने पीची थाने को घटना की जानकारी दी और दावा किया कि होटल के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की.

ओसेफ ने रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “जल्द ही मेरे होटल प्रबंधक रोनी जॉनी और चालक लिबिन फिलिप को थाने बुलाया गया. वहां उपनिरीक्षक पी. एम. रथीश ने उन दोनों को पीटा. जब मेरा बेटा पॉल जोसेफ थाने पहुंचा, तो उसे हवालात में बंद कर दिया गया.” व्यवसायी ने दावा किया कि जब वह थाने पहुंचे तो उपनिरीक्षक ने उनका व्यवसाय बंद करने की धमकी दी.

उन्होंने आरोप लगाया, “चूंकि धिनेश का बेटा भी रेस्तरां में मौजूद था इसलिए पुलिस अधिकारी ने हत्या के प्रयास और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत मामला दर्ज करने की भी धमकी दी. सिविल पुलिस अधिकारी महेश और उपनिरीक्षक जयेश भी हिरासत में यातना के इस मामले से जुड़े थे.” ओसेफ ने बताया कि रथीश ने धिनेश के साथ समझौते पर जोर दिया. उन्होंने बताया, “जब मैं धिनेश से मिला तो उसने पांच लाख रुपये मांगे. मैं धिनेश के साथ उसकी कार में घर गया और उसे पैसे दिए. धिनेश ने उससे कहा कि तीन लाख रुपये पुलिस अधिकारियों को देने हैं जबकि दो लाख रुपये वह अपने पास रखेगा.” बाद में, धिनेश ने थाने लौटकर अपनी शिकायत वापस ले ली.

ओसेफ ने कहा, “अगले दिन हमने ओल्लूर के सहायक पुलिस आयुक्त से संपर्क किया, जिन्होंने हमें त्रिशूर शहर के पुलिस आयुक्त अंकित अशोकन के पास भेजा. अशोकन ने मेरी लिखित शिकायत स्वीकार कर ली.” व्यापारी ने बताया कि इसके बाद धिनेश को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन जल्द ही उसे जमानत मिल गई क्योंकि पैसे बरामद नहीं हो सके. ओसेफ ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायत के बाद भी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. ओसेफ ने अपनी कानूनी लड़ाई के तहत पीची थाने की सीसीटीवी फुटेज मांगने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन दायर किया.

उन्होंने कहा, “त्रिशूर शहर के पुलिस आयुक्त को भेजा गया मेरा आवेदन पीची थाने भेज दिया गया और ‘महिला सुरक्षा’ का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया. एसीपी ओल्लूर को भेजी गई मेरी अपील भी ‘माओवादी कारणों’ का हवाला देते हुए खारिज कर दी गई.” ओसेफ ने इसके बाद केरल राज्य सूचना अधिकार आयोग में अपील दायर की, जिसने कई सुनवाई के बाद पुलिस को अगस्त 2024 में सीसीटीवी फुटेज सौंपने का आदेश दिया. ओसेफ ने बताया कि त्रिशूर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ने हाल ही में उनसे संपर्क किया और बताया कि अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक जांच जारी है.

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