उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष ने दिखाई एकजुटता, किया ‘मॉक’ मतदान

vikasparakh
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नयी दिल्ली. विपक्ष के सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले सोमवार को एकजुटकता प्रकट करते हुए बैठक की और ‘मॉक’ (प्रतीकात्मक) मतदान में हिस्सा लिया ताकि मंगलवार को मतदान के बाद उनका एक-एक वोट वैध करार हो. विपक्षी नेताओं ने ‘संविधान सदन’ के केंद्रीय कक्ष में बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की. बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और कई अन्य दलों के सांसद शामिल हुए.

सूत्रों ने बताया कि विपक्ष ने यह फैसला भी किया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन और मणिकम टैगोर तथा तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के पोलिंग एजेंट होंगे तथा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल एवं टैगोर मतगणना एजेंट होंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उनका वोट बर्बाद न हो, क्योंकि पिछली बार कुछ वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे.

संसद सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के लिए पार्टी व्हिप से बाध्य नहीं हैं तथा इसमें गुप्त मतदान प्रणाली होती है.
मतदान के लिए सांसदों को मतपत्र सौंपे जाएंगे, जिसमें चुनाव लड़ने वाले दो उम्मीदवारों के नाम होंगे और उन्हें अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने ‘1’ अंक लिखकर अपनी प्राथमिकता अंकित करनी होगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी सांसदों के लिए संसदीय सौध में रात्रिभोज का आयोजन करने वाले थे, लेकिन इसे अब देश में बाढ़ की स्थिति के चलते रद्द कर दिया गया.

उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है. इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं. राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और रेड्डी तेलंगाना से हैं.

इस चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी राज्यसभा महासचिव पी. सी. मोदी ने कहा है कि मतदान मंगलवार को संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101, वसुधा में होगा. मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे समाप्त होगा. राधाकृष्णन तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रहे हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, जबकि रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं.

रेड्डी जुलाई 2011 में शीर्ष अदालत से सेवानिवृत्त हुए थे. वह एक वरिष्ठ न्यायविद हैं. उन्होंने एक फैसले में, नक्सलियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने विदेश में बैंक खातों में अवैध रूप से रखे गए बेहिसाब धन को वापस लाने के लिए सभी कदम उठाने के वास्ते एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था. देश के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीट रिक्त हैं), 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं.

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