नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने गैरकानूनी धर्मांतरण और कट्टरपंथी विचारों का प्रचार करने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को वित्तपोषित करने के आरोपों पर धन शोधन जांच के तहत राजस्थान के एक व्यक्ति के यहां छापेमारी की है. इस व्यक्ति की पहचान जमीयत अहले हदीस (जेएएच) के ”अमीर” के रूप में हुई है. बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बीकानेर में मोहम्मद सादिक खान नामक व्यक्ति से जुड़े चार स्थानों के अलावा उसके ”करीबी” सहयोगियों के यहां भी छापेमारी की गई.
धनशोधन का मामला जनवरी 2022 में बीकानेर (कोटगेट थाना) पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से संबंधित है. खान की पहचान जेएएच के ”अमीर” के रूप में हुई है. ईडी ने एक बयान में कहा कि वह हवाला लेनदेन और धन शोधन गतिविधियों से जुड़ा रहा है. इसने कहा, ”गैरकानूनी धर्मांतरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में उसकी संलिप्तता के बारे में भी जानकारी मिली थी.”
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, ”यह भी सूचना मिली कि उस पर एक आतंकवादी संगठन का समर्थक होने का संदेह है तथा उसने धार्मिक और कट्टरपंथी उद्देश्यों का समर्थन करने वाले गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की है.” छापों के दौरान पाया गया कि खान अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष के ”पद” पर था जो मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट के संचालन की भी देखरेख करता था.
जांच एजेंसी ने कहा कि इन ट्रस्ट सहित लगभग 20 बैंक खातों में उसे ”भारी” नकदी प्राप्त हुई और वह करोड़ों रुपये के ”बड़े” वित्तीय लेनदेन में शामिल रहा हैतथा इन खातों का ”संचालन और नियंत्रण” उसी के पास था. ईडी के अनुसार, इस जमा राशि के स्रोतों के बारे में उसने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया तथा वे संदिग्ध थे. इसने दावा किया कि छापेमारी के दौरान उसे ऐसे वीडियो मिले जिनमें सहानुभूति बटोरने और अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाने के वास्ते इजराइली झंडे को जलाया जा रहा है.


