नेपाल के राष्ट्रपति पौडेल ने संकट के समाधान के लिए बातचीत की अपील की

vikasparakh
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काठमांडू. नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने मंगलवार को सभी पक्षों से संयम बरतने और संकट के समाधान के लिए बातचीत की अपील की. उन्होंने कहा, “देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है.” उन्होंने आंदोलनकारी समूह ‘जेन जी’ समेत सभी से शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, “चूंकि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए मौजूदा गतिरोध का समाधान निकालने के लिए देश, जनता और लोकतंत्र से प्रेम करने वाले सभी पक्षों के सहयोग की आवश्यकता है.” सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद ओली के इस्तीफ.े की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके कार्यालय में घुसकर नारे लगाने लगे, जिसके बाद प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. प्रदर्शनकारियों को विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर कब्ज.ा करते और तोड़फोड़ करते देखा गया. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति कार्यालय की इमारत में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी.

नेपाली सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की प्रदर्शनकारियों से बातचीत के जरिये संकट का हल करने की अपील
नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने मंगलवार को एक संयुक्त अपील जारी कर प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए संकट का समाधान करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ”चूंकि राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री (के पी शर्मा ओली) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए हम सभी से संयम बरतने और इस कठिन परिस्थिति में जान-माल को और नुकसान न होने देने की अपील करते हैं.” उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से राजनीतिक बातचीत के जरिए समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की भी अपील की.

संयुक्त बयान में कहा गया, ”बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान ही व्यवस्था और स्थिरता बहाल करने का एकमात्र तरीका है.” बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में नेपाली सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल, नेपाल सरकार के मुख्य सचिव ई. नारायण आर्यल, गृह सचिव गोकर्ण दावडी, सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के प्रमुख राजू आर्यल, पुलिस महानिरीक्षक चंद्र कुबेर खापुंग और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुख हुतराज थापा शामिल हैं. यह अपील ऐसे समय में की गई है, जब प्रदर्शनकारियों ने संसद, सिंह दरबार परिसर, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के आवास में आग लगा दी. काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह ने एक अलग बयान में सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह किया. उनका यह बयान प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद आया.

उन्होंने सभी से सेना प्रमुख से बातचीत के लिए तैयार रहने को भी कहा, लेकिन जोर देकर कहा कि पहले संसद भंग होनी चाहिए.
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ”हमने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था — यह पूरी तरह से ‘जेन ज.ी’ का आंदोलन है. प्रिय ‘जेन-ज.ी’, आपके उत्पीड़क का इस्तीफा पहले ही आ चुका है. अब, कृपया शांत रहें.”

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