हैंडशेक मामला: पीसीबी की पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग, फाइनल जीतने पर क्या नकवी से ट्रॉफी लेगा भारत

vikasparakh
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दुबई/मुंबई/कोलकाता. भारतीय टीम के एशिया कप मैच के बाद पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाने के फैसले को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया और पीसीबी ने खीझकर मैच रैफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को इसके लिये जिम्मेदार ठहराते हुए हटाने की मांग की . भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रविवार को सात विकेट से मिली जीत के बाद टीम के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह पहलगाम आतंकवादी हमले से पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये था . पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने इस हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी .

पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लेकर भारतीय क्रिकेट टीम को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था . पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने समूचे घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) से शिकायत की और अब आईसीसी के दखल की मांग की है . एसीसी के अध्यक्ष पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी हैं जबकि आईसीसी अध्यक्ष भारत के जय शाह है . एशिया कप आईसीसी का नहीं बल्कि एसीसी का टूर्नामेंट है .

नकवी ने एक्स पर लिखा ,” पीसीबी ने क्रिकेट की भावना से जुड़े एमसीसी के नियम और आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मैच रैफरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है . पीसीबी ने मैच रैफरी को एशिया कप से तुरंत हटाने की मांग की है .” पीसीबी ने पहले कहा था कि पायक्रॉफ्ट ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से टॉस के समय कहा था कि भारतीय कप्तान से हाथ नहीं मिलाये . पाकिस्तानी टीम के मैनेजर नवीद चीमा ने एसीसी के समक्ष शिकायत दर्ज करके आरोप लगाया है कि पायक्रॉफ्ट के कहने पर दोनों कप्तानों ने टीमशीट का आदान प्रदान नहीं किया .

बीसीसीआई ने अभी तक पीसीबी के बयान का जवाब नहीं दिया है लेकिन समझा जाता है कि अगर भारत 28 सितंबर को फाइनल में पहुंचता है तो खिलाड़ी नकवी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे . नकवी एसीसी प्रमुख होने के नाते विजयी टीम को ट्रॉफी दे सकते हैं .
दोनों टीमों ने टॉस और वॉर्मअप के समय भी एक दूसरे से बात नहीं की . दोनों कप्तानों ने टीमशीट मैच रैफरी को सौंपी .

पीसीबी ने इससे पहले बयान में कहा ,” टीम मैनेजर नवीद चीमा ने मैच के बाद हाथ नहीं मिलाने वाले भारतीय खिलाड़ियों के बर्ताव का कड़ा विरोध किया है . यह खेल भावना और खेल के विपरीत आचरण है . विरोध के तौर पर हमने अपने कप्तान को मैच के बाद समारोह में नहीं भेजा .” सूर्यकुमार ने जीत के बाद कहा था ,”हमने मिलकर यह फैसला लिया था . हम यहां सिर्फ मैच खेलने आये थे और मुझे लगता है कि हमने माकूल जवाब दिया .” एक पाकिस्तानी पत्रकार ने जब पूछा कि जीत के बाद विरोधी टीम से हाथ नहीं मिलाने का फैसला क्या राजनीति से प्रेरित था, इस पर कप्तान ने कहा ,” मेरा मानना है कि जीवन में कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर भी होती है .हम पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के साथ हैं और यह जीत अपने सशस्त्र बलों को सर्मिपत करते हैं .” भारतीय कोच गौतम गंभीर ने भी टूर्नामेंट के प्रसारक से बातचीत में यही कहा था .

समझा जाता है कि बीसीसीआई और टीम प्रबंधन ने अपने रूख को लेकर आपस में बातचीत की थी क्योंकि मैच खेलने के खिलाफ भारत में विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया तक काफी विरोध हो रहा था . मैच खेलने के फैसले का विरोध करते हुए कहा जा रहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में परिजनों को खोने वाले परिवारों के जज्बात से ऊपर पैसे को रखा जा रहा है . यह भी समझा जा रहा है कि हाथ नहीं मिलाने का फैसला नीतिगत है और अगले रविवार को अगर पाकिस्तान से सुपर 4 चरण में फिर मुकाबला होता है तो इसे दोहराया जायेगा . दोनों टीमें 28 सितंबर को फाइनल में भी भिड़ सकती हैं .

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ”देखिए, अगर आप नियम पुस्तिका पढ़ेंगे तो पाएंगे कि विरोधी टीम से हाथ मिलाने के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं है. यह सद्भावनापूर्ण कदम है और एक तरह की परंपरा है, न कि कानून, जिसका पालन खेल जगत में वैश्विक स्तर पर किया जाता है.” उन्होंने कहा, ”यदि कोई कानून नहीं है तो भारतीय क्रिकेट टीम उस विपक्षी टीम से हाथ मिलाने के लिए बाध्य नहीं है जिसके साथ तनावपूर्ण संबंधों का इतिहास रहा है.” अगर इतिहास को देखें तो राजनीतिक कारणों से खिलाड़ियों का एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाना कोई नयी बात नहीं है .

विम्बलडन 2023 में महिला एकल मैच के बाद यूक्रेन की एलिना स्वितोलिना ने बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका से हाथ नहीं मिलाया था . स्वितोलिना ने कहा था कि वह रूस या बेलारूस के किसी खिलाड़ी से हाथ नहीं मिलायेंगी क्योंकि इन देशों ने उनके देश पर हमला किया है . विम्बलडन अधिकारियों ने स्वितोलिना और अजारेंका पर इस घटना के लिये कोई दंड नहीं लगाया . वैसे भू राजनीतिक तनाव के बावजूद कई बार खेलों के मैदान पर टीमें नियमित शिष्टाचार नहीं छोड़ती . मसलन अमेरिका और ईरान की एक दूसरे से राजनयिक लड़ाई के बावजूद उनकी फुटबॉल टीमों ने विश्व कप मैचों के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाया .

भारत-पाक मैच में हाथ न मिलाने की योजना राजनीतिक लाभ लेने के लिए बनाई गई थी: नाना पटोले

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने सोमवार को आरोप लगाया कि एशिया कप क्रिकेट मैच में भारत की जीत के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाना ”्क्रिरप्टेड” था और इसका मकसद राजनीतिक लाभ लेना था. पटोले ने ”पीटीआई-भाषा” से कहा, ”महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और आम नागरिकों की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दों को उठाना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योजना का हिस्सा है.” उन्होंने आरोप लगाया, ”भाजपा भारत-पाक मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है. हमारी बहनों का सिंदूर मिट गया (पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए), लेकिन केंद्र सरकार भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने देती है. खिलाड़ियों को हाथ नहीं मिलाने के लिए कहा गया था.”

‘हैंडशेक’ विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं, पर आतंक हर जगह खत्म होना चाहिए: गांगुली

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष और महान बल्लेबाज सौरव गांगुली ने दुबई में एशिया कप मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी क्रिकेटरों से हाथ मिलाने से इनकार करने पर चल रही बहस को दरकिनार कर दिया, लेकिन कहा कि आतंकवाद सिर्फ भारत और पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ख.त्म होना चाहिए.

दुर्गा पूजा उत्सव से पहले अपने ब्रांड ‘सौरज्ञ्य’ लांच करते हुए गांगुली ने कहा, ”सबसे अहम है कि आतंकवाद खत्म होना चाहिए, सिर्फ भारत और पाकिस्तान में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में. आपने बहुत सी चीजें होते देखी हैं, इसे भी रुकना चाहिए. लेकिन खेल नहीं रुक सकते. दुनिया भर में आतंकवाद रुकना चाहिए. ”

गांगुली ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा, ”आपको सूर्यकुमार यादव से पूछना होगा, उन्हें जवाब देना होगा. मैं बहुत दूर हूं, अपने कपड़ों के ब्रांड को लॉन्च कर रहा हूं. उन्होंने भी इसका जवाब दे दिया है. हर किसी की अपनी बात होती है, बस. ” क्रिकेट की बात करें तो गांगुली ने कहा कि वह भारत-अफगानिस्तान मैच देखना पसंद करेंगे.

उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान कहीं से अब टक्कर देने वाली टीम नहीं है. मैं यह बात पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं क्योंकि मैंने उनकी टीम को देखा है. इस टीम में वैसा स्तर नहीं है. ” उन्होंने कहा, ”भारत क्रिकेट में पाकिस्तान और एशिया कप की किसी भी टीम से बहुत आगे है. एक-दो दिन तो ऐसे होंगे जब उन्हें हार मिलेगी, लेकिन ज्यादातर दिन भारत सर्वश्रेष्ठ टीम ही रहेगी. ” पूर्व कप्तान ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस एकतरफ.ा मुकाबले से कोई हैरानी नहीं हुई. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ”मैंने जो देखा उससे मैं उससे हैरान नहीं हूं. मैंने पहले 15 ओवर के बाद मैच देखना बंद कर दिया. फिर मैंने मैनचेस्टर यूनाइटेड और मैनचेस्टर सिटी (इंग्लिश प्रीमियर लीग में) मैच देखना शुरू कर दिया. ”

उन्होंने कहा, ”भारत और पाकिस्तान के बीच अब कोई प्रतिस्पर्धा नहीं रही. हम पाकिस्तान को ऐसी टीम के रूप में देखते हैं जिसमें वकार यूनिस, वसीम अकरम, सईद अनवर और जावेद मियांदाद जैसे खिलाड़ी थे. लेकिन आज के पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है, यह अब बिलकुल अलग है. कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. मैं भारत को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, श्रीलंका या अफग.ानिस्तान के साथ खेलते देखना पसंद करूंगा. ” गांगुली ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि भारत और पाकिस्तान में अब कोई मुकाबला है. हम इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते रहते हैं और पिछले पांच सालों से हर तरह की ‘हाइप’ बिखर गई है. यह एकतरफ.ा मुकाबला रहा है. ”

कड़ी आलोचनाओं के बाद हाथ नहीं मिलाने का फैसला किया भारतीय टीम ने 
एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से पहले भारतीय क्रिकेट टीम को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था इसके बाद ही उसने पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाने का फैसला किया और उसकी यह नीति चिर प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ दो अन्य संभावित मैचों में भी जारी रहेगी.

भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ चीज खेल भावना से भी बढ़कर होती हैं.
सूर्यकुमार ने पाकिस्तान के खिलाफ सात विकेट से जीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में पीटीआई के सवाल पर कहा, ”हम सब एक साथ यहां आये तो हमने यह फैसला किया और मुझे लगता है कि हम यहां सिर्फ मैच खेलने आये हैं. मुझे लगता है कि हमने उचित जवाब दिया.” जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि क्या विपक्षी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार करना ”राजनीति से प्रेरित” था, तो कप्तान ने जवाब दिया: ”मुझे लगता है कि जीवन में कुछ चीजें खेल भावना से बढ़कर होती हैं. हम पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के साथ खड़े हैं और इस जीत को हमारे सशस्त्र बलों को सर्मिपत करते हैं.” टूर्नामेंट के प्रसारणकर्ता से बात करते हुए मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी यही बात कही.

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ”देखिए, अगर आप नियम पुस्तिका पढ़ेंगे तो पाएंगे कि विरोधी टीम से हाथ मिलाने के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं है. यह सद्भावनापूर्ण कदम है और एक तरह की परंपरा है, न कि कानून, जिसका पालन खेल जगत में वैश्विक स्तर पर किया जाता है.” उन्होंने कहा, ”यदि कोई कानून नहीं है तो भारतीय क्रिकेट टीम उस विपक्षी टीम से हाथ मिलाने के लिए बाध्य नहीं है जिसके साथ तनावपूर्ण संबंधों का इतिहास रहा है.”

हम पहलगाम पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे: गंभीर

भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत को अच्छी करार दिया लेकिन उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि टीम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने में सफल रही.

टूर्नामेंट के प्रसारणकर्ता सोनी स्पोर्ट्स से बात करते हुए गंभीर ने कहा, ”यह अच्छी जीत है लेकिन टूर्नामेंट में अभी बहुत क्रिकेट बाकी है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक टीम के रूप में हम पहलगाम हमले के पीड़ितों, सभी परिवारों और उनके साथ हुई घटनाओं के प्रति अपनी एकजुटता दिखाना चाहते थे.” उन्होंने कहा, ”हम ऑपरेशन सिंदूर में मिली सफलता के लिए सशस्त्र बलों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि हम देश को गौरवान्वित और खुश करने का प्रयास करेंगे.” इस मैच के बारे में गंभीर ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों से इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते थे.

उन्होंने कहा, ”आप इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते, खासकर गेंदबाजों ने जिस तरह से गेंदबाजी की. अगर आप विरोधी टीम को 127 रन पर रोक रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपने बहुत अच्छी गेंदबाजी की.” पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, ”हमने जिस तरह से शुरुआत की वह भी महत्वपूर्ण थी और खिलाड़ी दिन-प्रतिदिन अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.”

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