भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत सकारात्मक, दोनों पक्ष जल्द समझौते के पक्ष में

vikasparakh
0 0
Read Time:4 Minute, 11 Second

नयी दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर मंगलवार को हुई एक-दिवसीय बातचीत सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने समझौते को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज करने पर सहमति जताई. वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्षों के लिए परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे.

भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी भारतीय अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के सकारात्मक रहने की जानकारी दी. इस बातचीत में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुख्य वार्ताकार एवं सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने किया जबकि भारत की ओर से वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने अगुवाई की. एक अधिकारी ने बताया कि समझौते पर आगे की चर्चा डिजिटलत माध्यम से भी जारी रहेगी और आमने-सामने की अगली बैठक के लिए आपसी सहमति से तारीख तय की जाएगी.

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया है. भारत पहले ही इस भारी-भरकम शुल्क को अनुचित और असंगत बता चुका है. व्यापार समझौते पर दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं जबकि 25-29 अगस्त को प्रस्तावित छठा दौर ऊंचे आयात शुल्क लगाए जाने के बाद टाल दिया गया था. लिंच के साथ अग्रवाल की यह बातचीत व्यापार वार्ता को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश मानी जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारतीय उत्पादों पर अगस्त में 50 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिए जाने के बाद व्यापार समझौता अधर में लटक गया था.

वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि लिंच के साथ हुई बैठक को व्यापार वार्ता का छठा दौर नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि इसे उसकी तैयारी के रूप में देखा जाना चाहिए. ट्रंप की भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गर्मजोशी से स्वागत करने के कुछ ही दिन बाद यह बातचीत हुई है.

दोनों नेताओं ने फरवरी में इस समझौते को अंजाम देने पर सहमति जताई थी. समझौते के पहले चरण को अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन शुल्क संबंधी तनावों ने इसे आशंका में डाल दिया. भारत ने लगातार कहा है कि उसके लिए रूसी कच्चे तेल की खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों से प्रेरित है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यापार समझौते में भारतीय किसानों, डेयरी उत्पादकों और एमएसएमई के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Next Post

छात्र-वीजा पर रूस गये व्यक्ति को सेना में 'भर्ती' कर लिया गया : परिवार का दावा

चंडीगढ़. पंजाब में मोगा जिले के एक गांव का 25 वर्षीय युवक पिछले वर्ष छात्र-वीजा पर रूस गया था जहां उसकी सेना में ”भर्ती” हुई और उसे ”धोखे से” रूस-यूक्रेन संघर्ष में धकेल दिया गया. इस युवक के परिवार ने यह दावा किया है. मोगा के चक कनियां कलां गांव […]

You May Like