भाजपा विधायक ने सपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी बेटी के उत्पीड़न का आरोप लगाया

vikasparakh
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बलिया/लखनऊ. उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक केतकी सिंह ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) की महिला शाखा की सदस्यों ने लखनऊ स्थित उनके सरकारी आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी (केतकी सिंह की) नाबालिग बेटी को परेशान किया. सिंह ने दावा किया कि उनकी बेटी सदमे में है और अब लखनऊ में पढ.ाई जारी रखने को तैयार नहीं है.

सपा महिला सभा की कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि वे बलिया जिले के बांसडीह से विधायक केतकी सिंह को ‘टोटी’ भेंट करने आई थीं. यह विरोध प्रदर्शन सिंह द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अयोध्या और राम मंदिर को लेकर की गई टिप्पणियों के विरोध में आयोजित किया गया.

सिंह ने हाल में कहा था, ”मुख्यमंत्री आवास से गायब हुईं टोटियां उनकी (अखिलेश की) सरकार के चले जाने के बाद अब तक नहीं मिली हैं.” सपा महिला कार्यकर्ताओं का एक समूह बुधवार सुबह भाजपा विधायक के लखनऊ स्थित गुलिस्तां कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचा और उनके खिलाफ नारे लगाए.

सपा नेता नेहा यादव ने संवाददाताओं से कहा, ”ये लोग टोटी-टोटी बोलकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए हम उन्हें टोटी भेंट करने आए हैं. हम यहां कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, छात्रों पर लाठीचार्ज और किसानों की आय जैसे मुद्दों पर जवाबदेही की मांग करने भी आए हैं.” नेहा यादव ने कहा, ”हमारे नेता माननीय अखिलेश यादव जी पर अगर कोई अभद्र टिप्पणी करेगा, तो समाजवादी चुप नहीं बैठेगा. भाजपा सरकार नौकरी, शिक्षा और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर पूरी तरह विफल रही है. जनता के सवालों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा विधायक केतकी सिंह इस तरह की टिप्पणियां कर रही हैं, जो निंदनीय हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार, बेटियों को सुरक्षा और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देती, समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी. बाद में स्थानीय पुलिस ने प्रदर्शनकारी समूह को मोहल्ले से दूर हटा दिया.

विधायक केतकी सिंह ने कहा कि घटना के समय वह घर पर नहीं थीं. उन्होंने बताया कि वह जल्द ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगी.
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में 10वीं कक्षा में पढ.ने वाली उनकी बेटी के उत्पीड़न की निंदा की. उन्होंने कहा, ”मैं इस कायरता पूर्ण कृत्य को कभी माफ नहीं कर सकती. मैं एक विधायक हूं, लेकिन उन्होंने स्कूल जाने की तैयारी कर रही मेरी 15 वर्षीय बेटी को निशाना बनाया… वह इतनी डरी हुई है कि आज स्कूल नहीं गई और पूछ रही है कि क्या उसे गांव लौट जाना चाहिए.” सिंह ने कहा कि वह प्राथमिकी दर्ज कराएंगी और इस मुद्दे को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाएंगी.

उन्होंने कहा, ”मैं अपनी बेटी को राजनीति का मोहरा बनते हुए नहीं देख सकती. अगर राजनीति घरों में घुस जाएगी, तो कोई भी बेटी सुरक्षित नहीं रहेगी.” बाद में जब उनसे बेटी से जुड़े दावे के बारे में विस्तार से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ”मेरी बेटी स्कूल जाने के लिए तैयार थी. बाहर बहुत शोर था, तोड़फोड़ हो रही थी, गुंडागर्दी हो रही थी, और घर में घुसने की कोशिश की जा रही थी. उसने (बेटी ने) डर के कारण यूनिफॉर्म बदल दी और घर से बाहर नहीं गई. सपा कार्यकर्ताओं के डर से ऐसा हुआ.”

सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले में पार्टी संगठन से सलाह ली है और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी तथा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय से बात की है. एक वायरल वीडियो में विधायक की किशोर बेटी को कहते सुना जा सकता है, ”आज हमारे घर के बाहर भीड़ जमा हो गई और नारे लगाने लगे क्योंकि मेरी मां ने कल अखिलेश यादव के बारे में एक बयान दिया था. उन्हें लगता है कि वे राजनीतिक लाभ के लिए एक किशोरी को डरा सकते हैं. यही उन्हें सिखाया गया है, यही उनकी शिक्षा है.”

विधायक की बेटी ने कहा, ”मुझे उनसे एक बात कहनी है: आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, मैं नहीं डरूंगी. लेकिन अगर आपने मुझ पर उंगली उठाई, तो मेरी मां आपको बीच से फाड़ देगी. बलिया जाओ… वहां उनसे बात करो. लेकिन घर में अकेली एक किशोरी को डराना राजनीति नहीं है. न तो मेरी मां आपसे डरती है, न ही मैं.” इस बीच, लखनऊ पुलिस के अधिकारियों ने बुधवार शाम ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. अपर पुलिस आयुक्त (हजरतगंज) विकास कुमार जायसवाल ने बताया, ”सुबह करीब 10 बजे विधायक के घर के बाहर तीन प्रदर्शनकारी महिला इकट्ठा हुई थीं. महिलाओं से निपटने के लिए हमारे पास एक प्रोटोकॉल है, और उसी के तहत उन्हें मौके से हटाया गया.”

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