भाजपा की ‘धर्मस्थल चलो’ रैली हिंदू आस्था के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आयोजित की गई: जोशी

vikasparakh
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धर्मस्थल/मैसुरु. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में ‘अति-वामपंथी धड़े की साजिश का पर्दाफाश’ करने के लिए ‘धर्मस्थल चलो’ रैली का आयोजन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘हिंदू आस्था केंद्रों और उनकी मान्यताओं को बदनाम’ करने की कोशिश कर रही है. वह रैली के इतर बोल रहे थे, जिसका आयोजन पार्टी द्वारा धर्मस्थल के खिलाफ बदनामी अभियान की निंदा करने के लिए किया गया था. भाजपा ने इस मामले की एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) जांच की भी मांग की है.

जोशी ने दावा किया, ”धर्मस्थल चलो का उद्देश्य कांग्रेस सरकार में अति-वामपंथी धड़े की साजिश का पर्दाफाश करना है, जो देश के सभी हिंदू आस्था केंद्रों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. वे हमेशा हिंदू समाज को निशाना बनाते हैं और एकतरफा वोट बैंक की राजनीति करते हैं.” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ”इन सभी चीजों को उजागर करने के लिए हम आज यहां हैं.” केंद्रीय मंत्री ने धर्मस्थल मामले को ”100 प्रतिशत एक साजिश’ बताया और कहा कि उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने खुद कहा था कि एक ‘साजिश’ थी.

जोशी ने कहा, ”एक ऐसे व्यक्ति की शिकायत के आधार पर, जिसकी पृष्ठभूमि ज्ञात नहीं है, मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. स्थानीय पुलिस द्वारा पहले उसकी पृष्ठभूमि की पुष्टि करने के सुझाव के बावजूद ऐसा किया गया. विशेष जांच दल के गठन के बाद, धर्मस्थल में हर जगह खुदाई शुरू हो गई. हमने एसआईटी द्वारा जांच करने का स्वागत किया था, न कि पूरे क्षेत्र में खुदाई करने का.”

भाजपा द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए, जोशी ने कहा, ”यह आप (कांग्रेस) ही हैं जिन्होंने इसे राजनीतिक बना दिया है. हम आपको बेनकाब करने आए हैं. आपने वक्फ मुद्दे और सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) पर भी यही किया था.” यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने दावा किया कि पिछले दो दशकों में, धर्मस्थल में कई शव-जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं के शव भी शामिल हैं-दफनाए गए हैं. स्थानीय मंदिर के प्रशासकों पर भी आरोप लगाए गए हैं.
राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने तब से चिन्नैया द्वारा चिन्हित धर्मस्थल के वन क्षेत्रों में नेत्रवती नदी के किनारे कई जगहों पर तलाशी ली है. अधिकारियों ने बताया कि दो जगहों से कंकाल बरामद किए गए हैं.

भाजपा ने धर्मस्थल में रैली कर हत्याओं और शवों को दफनाने के आरोपों की केंद्रीय जांच की मांग की

कर्नाटक के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को दक्षिण कन्नड जिले के धर्मस्थल में एक रैली आयोजित कर शहर में कई हत्याओं, बलात्कारों और दफनाने के आरोपों की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की. भाजपा के मुताबिक पूरे कर्नाटक से लगभग एक लाख लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. पार्टी के मुताबिक यह धर्मस्थल के ”मंदिर और उसकी परंपराओं को बदनाम करने के प्रयास” के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन था.

‘धर्मस्थल चलो’ नाम से आयोजित रैली में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र, सांसद और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. विजयेंद्र ने रैली को संबोधित करते हुए केंद्र से इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का आग्रह किया. उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर हिंदू समुदाय को ‘न्याय दिलाने में विफल’ होने का आरोप लगाया.

भाजपा धर्मस्थल मुद्दे पर कर रही राजनीति, उसे कोई राजनीतिक फायदा नहीं होगा: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘धर्मस्थल चलो’ रैली को ”राजनीति” करार देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दल को इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा. धर्मस्थल और चामुंडी पहाड़ी मामले में भाजपा के आचरण को ”पाखंड” बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे लगता है कि वह जो कर रही है, उसके चलते हिंदू उसके साथ एकजुट हो जाएंगे, लेकिन वह गलत है. उन्होंने कहा, ”मैं भी एक हिंदू हूं.” भाजपा नेता और विधायक सोमवार को ‘धर्मस्थल चलो’ रैली निकाल रहे हैं तथा धर्मस्थल के खिलाफ कथित साजिश और बदनामी अभियान की निंदा कर रहे हैं. उन्होंने मामले की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की भी मांग की है.

सिद्धरमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, ”उसे (भाजपा को) ऐसा करने दीजिए, वह राजनीति के लिए ऐसा कर रही है. उसे लगता है कि इससे उसे राजनीतिक फ.ायदा होगा, लेकिन उसे कोई फ.ायदा नहीं होगा. हम (कांग्रेस) धर्मस्थल और भगवान मंजूनाथ का बहुत सम्मान करते हैं. लेकिन वह (भाजपा) राजनीति कर रही है.” उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”उसने (भाजपा ने) एसआईटी के गठन के समय ही यह (आंदोलन) क्यों नहीं किया? इतने दिन बाद, जब उसे पता चला कि (खुदाई में) कुछ नहीं मिला, तो उसने यह शुरू कर दिया. क्या यह पाखंड नहीं है?” चामुंडी पहाड़ी पर ‘चामुंडेश्वरी मंदिर चलो’ के भाजपा के आह्वान पर एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री ने कहा, ”भाजपा को लगता है कि ऐसा करने से हिंदुत्व मजबूत होगा और हिंदू उसके साथ एकजुट होंगे.”

उन्होंने कहा, ” मैं भी हिंदू हूं… क्या हमने अपने गांव में राम मंदिर नहीं बनवाया? हिंदुओं से मतलब, राजनीति करना, झूठा प्रचार करना और उनके नाम पर झूठ बोलना नहीं है. दरअसल इंसानियत होनी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो. अगर किसी में इंसानियत नहीं है और उसका व्यवहार अमानवीय है, तो वह इंसान नहीं है.” भाजपा नेता आर अशोक ने रविवार को यह आरोप लगाते हुए ‘चामुंडेश्वरी देवस्थान (मंदिर) चलो’ रैली शुरू करने की चेतावनी दी थी कि सत्तारूढ. कांग्रेस एक ‘टूलकिट’ के तहत हिंदू धार्मिक केंद्रों को निशाना बना रही है. अशोक के अनुसार इस ‘टूल किट’ का दावा है कि प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर वाली चामुंडी पहाड़ी केवल हिंदुओं की नहीं है.
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने पिछले हफ़्ते कहा था कि चामुंडी पहाड़ी और देवी चामुंडेश्वरी हर धर्म की हैं और यह केवल हिंदुओं की नहीं हैं. इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था. इस बयान पर विपक्षी भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

सिद्धरमैया ने भाजपा पर मैसुरु दशहरा में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पूछा, ”क्या वह झूठ बोलने के अलावा कुछ जानती है.” मुख्यमंत्री ने कहा, ”बानू मुश्ताक एक कन्नड़ लेखिका हैं. उन्हें दशहरा उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता हैं. कितनों को यह पुरस्कार मिला है? उनकी उपलब्धि के सम्मान में, उन्हें दशहरा उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है.” उन्होंने कहा कि कुछ ही लोग ऐसा कर रहे हैं, ऐसा नहीं है कि सभी हिंदू उनके साथ हैं.
डी.के. शिवकुमार की टिप्पणी के बाद विवाद बढ.ने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिद्धरमैया ने कहा, ”मैं यह नहीं कहूंगा कि यह हिंदुओं की संपत्ति है या मुसलमानों की. यह हिंदुओं की संपत्ति हो सकती है, लेकिन दशहरा एक नाद हब्बा (राज्य उत्सव) है, जिसे सभी हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, जैन एक साथ मनाते हैं. हम इसे इसी तरह मना रहे हैं.”

भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा बानू मुश्ताक को दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किए जाने के फैसले पर आपत्ति जताई है. बानू का एक पुराना वीडियो प्रसारित हो रहा है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कन्नड़ भाषा की ‘देवी भुवनेश्वरी’ के रूप में पूजा करने पर आपत्ति जताई है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और मैसुरु के सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार समेत कई भाजपा नेताओं ने सोमवार को मुश्ताक से दशहरा का उद्घाटन करने की सहमति देने से पहले देवी चामुंडेश्वरी के प्रति अपनी श्रद्धा स्पष्ट करने को कहा.
हालांकि, बानू ने कहा है कि उनके पुराने भाषण के चुनिंदा हिस्सों को सोशल मीडिया पर वायरल करके उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

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