नयी दिल्ली. लाल किले के निकट एक जैन धार्मिक समारोह से करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के स्वर्ण और रत्न से जड़ित कलश की चोरी के संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध की गतिविधियों का पता लगाया और उसके ठिकाने के बारे में महत्वपूर्ण सुराग हासिल किए. यह चोरी तीन सितंबर को एक प्रार्थना समारोह के दौरान हुई जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए थे.
श्रद्धालुओं के साथ घुलने-मिलने के लिए पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने संदिग्ध ने कथित तौर पर बिड़ला के कार्यक्रम में पहुंचने पर मची आपाधापी का फायदा उठाया और बर्तन लेकर भाग गया. यह कलश 760 ग्राम सोने तथा 150 ग्राम हीरे, माणिक और पन्ने से जड़ा है और जैन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखता है. यह समारोह 28 अगस्त को शुरू हुआ और नौ सितम्बर को समाप्त होगा.
काफी खोजबीन के बाद भी कलश का पता न चलने पर कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति कई दिनों से टोह ले रहा था और संदेह से बचने के लिए आयोजकों के बीच घुल-मिल गया था.
उन्होंने कहा कि इस मामले पर कई टीमें काम कर रही हैं और घटनास्थल तथा आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज से जांचकर्ताओं को चोरी के बाद आरोपियों द्वारा अपनाए गए मार्ग का पता लगाने में मदद मिली है. अधिकारी ने बताया, ”हमें महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और छापेमारी की जा रही है. आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.” उन्होंने आगे बताया कि आरोपी की गतिविधियों का पता लगा लिया गया है. समारोह के आयोजकों ने कहा कि चोरी से समुदाय को बहुत परेशानी हुई है. आयोजकों में से एक पुनीत जैन ने कहा, ” भौतिक मूल्य के अलावा इस कलश का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. हमें उम्मीद है कि पुलिस इसे बरामद कर लेगी.”


