बेंगलुरु. कर्नाटक के मद्दूर में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को पार्टी पर शांति भंग करने में माहिर होने का आरोप लगाया. रविवार को गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों के बाद मांड्या जिले के मद्दूर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. विभिन्न हिंदूवादी संगठनों द्वारा कस्बे में प्रदर्शन किए जाने से स्थिति और बिगड़ गई.
सिद्धरमैया ने यहां पत्रकारों से कहा कि किसी को भी अपनी पार्टी का आधार मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक मुद्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का काम नहीं है. भाजपा के इस आरोप पर कि हिंदुओं को अपने त्योहार मनाने की अनुमति नहीं है, मुख्यमंत्री ने कहा, ”अगर कोई शांति भंग करता है, तो वह भाजपा ही है. भाजपा भड़काने और शांति भंग करने में माहिर है.” उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.
सांप्रदायिक झड़प की परिस्थितियों को लेकर सिद्धरमैया ने कहा कि हंगामा उस समय हुआ जब विसर्जन के लिए लोगों की यात्रा मस्जिद के पास से गुजर रही थी और पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया. जब पुलिस ने गणेश उत्सव के आयोजकों को एक विशेष स्थान छोड़ने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी.
उन्होंने कहा, ”उन्होंने समूह बनाया और हंगामा किया. अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हम किसी भी दोषी के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान.” उन्होंने कहा कि मद्दूर को छोड़कर गणेश उत्सव के दौरान कहीं भी ऐसी घटना नहीं हुई.
मुख्यमंत्री के साथ मौजूद मद्दूर जिले के प्रभारी मंत्री एन. चालुवरायस्वामी ने दावा किया, ”भाजपा का मद्दूर में कोई आधार नहीं है. सांप्रदायिक मुद्दों के अलावा उनके पास कोई और काम नहीं है. वे बस इसका इस्तेमाल अपनी पार्टी का आधार बनाने के लिए करना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी सांप्रदायिक मुद्दों का सहारा लेकर अपनी पार्टी का आधार नहीं बनाती और केवल कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं विकास पर निर्भर रहती है.


