प्रकृति का कहर: हिमाचल, उत्तराखंड में भूस्खलन से पांच लोगों की मौत, कई सड़कें बंद

vikasparakh
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नयी दिल्ली. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि पहले से ही बाढ़ प्रभावित पंजाब में सोमवार को फिर मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए. हिमाचल में कई स्थानों पर भारी बारिश हुई और शिमला में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में 35 वर्षीय एक व्यक्ति और उसकी बेटी सहित तीन लोगों की बीती रात मौत हो गई.

शिमला शहर के बाहरी इलाके जुन्गा के दुबलू क्षेत्र में रात को हुए भूस्खलन में वीरेंद्र कुमार और उनकी दस वर्षीय बेटी की मौत हो गई लेकिन वीरेंद्र की पत्नी, जो घर के बाहर थीं, बच गईं. वहीं, उएक अन्य घटना में शिमला के कोटखाई क्षेत्र के चोल गांव में सोमवार तड़के एक बुजुर्ग महिला का मकान ढह जाने से उसकी मौत हो गई. उसकी पहचान कलावती के रूप में हुई और उसका शव मलबे से निकाल लिया गया है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए. यह दुर्घटना सुबह 7.34 बजे सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुनकटिया के पास हुई.

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने कहा कि मुनकटिया में पहाड़ी से पत्थर गिरे और सड़क से गुजर रहे एक वाहन से टकरा गए, जिससे दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और छह को अस्पताल ले जाया गया. पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कई हिस्सों में सोमवार को बारिश हुई, जिसमें लुधियाना में सबसे अधिक 216.70 मिमी बारिश दर्ज की गई.
लगातार बारिश के कारण पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. पंजाब सरकार ने सोमवार को लगातार बारिश के कारण सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को तीन सितंबर तक बंद करने की घोषणा की है.

अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त में 253.7 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक है और राज्य में 25 वर्षों में सबसे अधिक है. बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में हैं. हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण शिमला-कालका रेलमार्ग पर चलने वाली छह रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं तथा राज्य में 793 सड़कें बंद हैं.

स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए मंगलवार तक चार से छह जिलों के अलग-अलग इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है. सिरमौर के चौरास क्षेत्र में एक मकान ढह गया. शिमला के रोहड़ क्षेत्र के दयाल मोरी गांव में एक महिला लापता हो गई जबकि भूस्खलन के बाद रविवार देर रात चार परिवारों के दस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
शिकडी नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके आसपास रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई है. उत्तराखंड में बारिश का कहर लगभग रोजाना लोगों की जान ले रहा है.

राज्य के टिहरी और पिथौरागढ़ जिलों में रविवार को बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में 29 अगस्त की सुबह भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण छह लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य लोग लापता हो गए. भूस्खलन के कारण मकान क्षतिग्रस्त हो गए और लोग मलबे के ढेर में दब गए. चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में शुक्रवार को प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक असर देखा गया. यह आपदा 23 अगस्त को थराली में आई आपदा के तुरंत बाद आई है, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और एक अन्य व्यक्ति लापता हो गया.

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