अदन. राजधानी सना में सोमवार सुबह सैकड़ों लोगों ने हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी के निधन पर शोक व्यक्त किया. बृहस्पतिवार को इजरायली हवाई हमले में कई मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के साथ उनकी मौत हो गयी थी. शाब मस्जिद में आयोजित हूती अधिकारियों के अंतिम संस्कार के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. इस कार्यक्रम का हूती-नियंत्रित उपग्रह समाचार चैनल अल-मसीरा टीवी द्वारा प्रसारण किया गया.
मस्जिद के अंदर जहां जनाजे की नमाज पढ.ी गई, वहां भीड़ ने इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए तथा विदेश मामलों, मीडिया और संस्कृति तथा औद्योगिक मंत्रियों सहित अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया. अंतिम संस्कार में शामिल अहमद खालिद और फथी महमूद ने बताया कि अधिकारियों के परिवार अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस में पहुंचे. शवों को मस्जिद के अंदर ताबूत में रखा गया था.
मौके पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति अहमद आजम ने बताया, “हम इस अंतिम संस्कार में भाग ले रहे हैं, क्योंकि इजराइल ने उन अधिकारियों को मार डाला था और यही उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने का पर्याप्त कारण है.” अल-रहावी, ईरान सर्मिथत विद्रोही समूह के खिलाफ इजराइल-अमेरिकी अभियान में मारे गए सबसे वरिष्ठ हूती अधिकारी थे. बयान में बिना कोई विवरण दिए कहा गया कि अन्य मंत्री और अधिकारी घायल हुए हैं.
हूतियों ने पहले एक बयान में कहा था कि अधिकारियों को “सरकार द्वारा पिछले वर्ष की गतिविधियों और प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित एक नियमित कार्यशाला” के दौरान निशाना बनाया गया था. कार्यवाहक हूती प्रधानमंत्री मोहम्मद मुफ़्ताह ने सोमवार को अंतिम संस्कार के अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “हम एक बड़े और प्रभावशाली युद्ध में शामिल हो गए और अमेरिका से भिड़ गए. यह युद्ध न केवल सैन्य-केंद्रित था, बल्कि आर्थिक भी था क्योंकि इजराइल ने हर चीज को निशाना बनाया.” उन्होंने पुष्टि की कि इजराइली हमलों के बावजूद बंदरगाह अब भी काम कर रहे हैं और खाद्य या ईंधन का कोई संकट नहीं है.
हूतियों द्वारा इजराइल की ओर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के तीन दिन बाद 24 अगस्त को हमला हुआ, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह 2023 के बाद पहला क्लस्टर बम हमला था. यमन के हूती विद्रोहियों ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने लाल सागर में सऊदी अरब के तट पर एक तेल टैंकर पर मिसाइल दागी है, जिससे इस अहम वैश्विक समुद्री मार्ग से गुजरने वाले जहाजों पर उनके हमले फिर से शुरू होने की आशंका है. हूती सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल या’ा सरी ने हूतियों के नियंत्रण वाले उपग्रह समाचार चैनल अल-मसिरा पर प्रसारित पहले से रिकॉर्ड संदेश में इस हमले की जिम्मेदारी ली. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस जहाज ‘स्कारलेट रे’ को निशाना बनाया गया, उसका संबंध इजराइल से है.


