बिलासपुर. कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने कहा है कि प्रदेश और देश की जनता ”वोट चोरी” बर्दाश्त नहीं करेगी. पायलट बिलासपुर के मुंगेली नाका स्थित ग्रीन पार्क मैदान में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान के तहत एक बड़ी रैली को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूरे देश में इस अभियान की शुरुआत कर दी है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने बिहार में वोट अधिकार रैली का भी आयोजन किया जहां लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए. पायलट ने कहा कि मतदाता को वोट के अधिकार से वंचित करना सबसे बड़ा अपराध है.
उन्होंने कहा, ”आज देश के सामने वोट चोरी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है इसलिए छत्तीसगढ़ में भी हम इस अभियान को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. इसी अभियान के तहत आगामी 16 तारीख से कांग्रेस रायगढ़ से हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी और प्रदेश के सभी बड़े जिलों में एक बार फिर “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान को आगे ले जाएगी.” पायलट ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे देश की जनता चाहती है कि निष्पक्ष चुनाव हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी और निर्वाचन आयोग चाहता है कि देश में एक पार्टी का ही राज हो. उन्होंने निर्वाचन आयोग पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”उसकी गतिविधियों से ऐसा प्रतीत होता है कि दाल में कुछ काला है. मुझे तो लगता है दाल ही काली है.”
कांग्रेस नेता पायलट ने छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के संबंध में कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले एक लाख लोगों को नौकरियां देने, 500 रुपये में रसोई गैस का सिलेंडर देने का वादा किया गया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया, ह्लछत्तीसगढ़ में 10 हजार स्कूल बंद कर दिए गए. वोटो की चोरी से बनी भाजपा की सरकार किसी बात का जवाब नहीं देती उल्टे कांग्रेस के नेताओं को ईडी और सीबीआई के जरिए तंग कर रही है.” इस मौके पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के “वोट चोरी” के आरोप से निर्वाचन आयोग पूरी तरह मौन हो गया है, इससे यह स्पष्ट है कि आयोग निष्पक्ष नहीं है.
“वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान के इस प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, ताम्रध्वज साहू, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने भी सभा को संबोधित किया. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद थे.


