भारत, अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही: गोयल

vikasparakh
0 0
Read Time:7 Minute, 5 Second

अबू धाबी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच 16 सितंबर को भारतीय आधिकारिक दल के साथ दिन भर की बातचीत के लिए नयी दिल्ली में थे.

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है. यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है. भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं. बातचीत में अच्छी प्रगति है….” गोयल ने कहा, ”बातचीत जारी है… अमेरिका हमारा विश्वसनीय साझेदार है.” वाणिज्य मंत्रालय कह चुका है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अमेरिकी टीम के साथ दिन भर की चर्चा सकारात्मक रही और दोनों पक्ष समझौते को जल्द और पारस्परिक रूप से लाभकारी रूप से पूरा करने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए.
अमेरिकी अधिकारियों के साथ सात घंटे की बैठक के बाद मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ”पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया गया है.” अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है. इस लिहाज से यह बातचीत महत्वपूर्ण थी.

भारत, यूएई तीन-चार साल में गैर-तेल, गैर-कीमती धातु व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगे: गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अगले तीन-चार वर्षों में गैर-तेल और गैर-कीमती धातु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है. फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार में गैर-तेल और गैर-कीमती धातु की हिस्सेदारी 50-55 अरब डॉलर के स्तर पर है.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अफ्रीका और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) क्षेत्रों में साझा निवेश के लिए भी रूपरेखा तय करने का निर्णय लिया जिसमें बुनियादी ढांचा और अन्य क्षेत्र शामिल हैं. साझा निवेश में यूएई की निवेश क्षमता और भारत के पास प्रतिभाओं की मौजूदगी का लाभ उठाया जाएगा.

गोयल ने कहा, ”अभी चर्चा संकल्पना के स्तर पर हुई. इसके तौर-तरीके तय करने, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी और प्राथमिकता वाले देशों के बारे में फैसला दोनों देश करेंगे.” भारत और यूएई के निवेश पर गठित उच्च-स्तरीय कार्यबल की 13वीं बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें भारतीय पक्ष की अगुवाई गोयल ने की जबकि अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक शेख हमद बिन जाएद अल नहयान ने यूएई की अगुवाई की.

गोयल ने बैठक के बाद कहा, ”हमने गैर-तेल और गैर-कीमती धातुओं में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर अगले तीन-चार वर्षों में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का नया लक्ष्य रखा है.” उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष समुद्री, रक्षा, वैमानिकी एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की नई संभावनाएं भी तलाश रहे हैं. स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ रहा है, जिससे लेन-देन की लागत कम और संचालन आसान होता है.

भारत और यूएई ने घरेलू साज-सज्जा, वस्त्र, मत्स्य पालन, चमड़ा और चमड़े के उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण और दवा जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने की भी योजना बनाई है. गोयल ने बताया कि दुबई में 20,000-25,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित हो रहा कारोबारी केंद्र ‘भारत मार्ट’ अगले डेढ़-दो साल में तैयार हो जाएगा.

इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के बाद भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) का भी दुबई में परिसर जल्द शुरू होगा. इसके लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं. उन्होंने कहा कि यूएई अब भारत के शेयर बाजार में बड़े निवेश में भी रुचि दिखा रहा है, और यूपीआई आधारित धनप्रेषण पर काम तेजी से चल रहा है.

गोयल ने कहा, ह्लदोनों देशों के संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं और विभिन्न तरीकों से सहयोग मजबूत हो रहा है.ह्व इसके साथ ही गोयल ने यह साफ किया कि भारत किसी भी स्थिति में अपने निर्यातित माल को यूएई के जरिये अमेरिका भेजने की अनुमति नहीं देगा.

उन्होंने कहा कि यदि भारतीय सामान यूएई से अफ्रीकी या एशियाई देशों में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद के रूप में जाता है तो उसका स्वागत किया जाएगा. लेकिन अमेरिकी बाजार के लिए ट्रांस-शिपमेंट की अनुमति नहीं होगी. उनका बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है जिससे झींगा, चमड़ा और वस्त्र जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के निर्यात प्रभावित हो सकते हैं.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Next Post

गाजा में हो रही पीड़ा से व्यथित हूं, भारत को दृढ़ता से बोलना चाहिए: स्टालिन

चेन्नई/खान यूनिस/वाशिंगटन. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि गाजा में लोगों को हो रही पीड़ा से वह अत्यंत व्यथित हैं और इस मामले में सरकार को दृढ़ता से बोलना चाहिये स्टालिन ने ज़ोर देकर कहा कि भारत को इस मुद्दे पर स्पष्ट और दृढ़ स्वर […]

You May Like