नयी दिल्ली. अमेरिका ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ‘फेंटेनाइल प्रीकर्सर’ की तस्करी में कथित संलिप्तता के चलते कुछ भारतीय व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए और फिर उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया. हालांकि, अमेरिकी दूतावास ने अपने फैसले को सार्वजनिक करते हुए उन कारोबारी नेताओं की पहचान उजागर नहीं की जिनके वीजा आरोपों के मद्देनजर रद्द कर दिए गए. इस मुद्दे पर नयी दिल्ली की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है. फेंटेनाइल प्रीकर्सर का आशय उन रसायनों से है जिनसे मादक पदार्थ बनाये जाते हैं. अमेरिकी दूतावास के प्रभारी जॉर्गन एंड्रयूज ने कहा कि अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों तथा संगठनों को परिणाम भुगतने होंगे.
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, ”अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक मादक पदार्थों से सुरक्षित रखने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने फेंटेनाइल की तस्करी में संलिप्तता के आधार पर कुछ व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए हैं और फिर उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया.” इसने कहा कि यह कार्रवाई अमेरिकी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 221(आई), धारा 212(ए)(2)(सी) और 214(बी) के तहत की गई है.
अमेरिकी दूतावास ने कहा, ”इस निर्णय के परिणामस्वरूप, ये व्यक्ति और उनके करीबी परिवार के सदस्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं.” दूतावास ने कहा कि वह ‘फेंटेनाइल प्रीकर्सर’ की तस्करी करने वाली कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को चिह्नित कर रहा है, ताकि जब वे अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करें तो उन पर कड़ी जांच की जा सके.
एंड्रयूज ने कहा, ”नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है.” उन्होंने कहा, ”अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों तथा संगठनों को, उनके परिवारों सहित, परिणाम भुगतने होंगे, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश से वंचित किया जाना भी शामिल हो सकता है.” दूतावास ने कहा, ”अमेरिका में फेंटेनाइल और इसके पूर्ववर्ती उत्पादों के प्रवाह को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.” इसमें कहा, ”हम इस साझा चुनौती से निपटने में भारत सरकार में अपने समकक्षों के घनिष्ठ सहयोग के लिए उनके आभारी हैं. साथ मिलकर काम करने से ही हमारी दोनों सरकारें इस अंतरराष्ट्रीय खतरे का समाधान कर पाएंगी और दोनों देशों के लोगों को अवैध नशीले पदार्थों से सुरक्षित रख पाएंगी.”


