बीजद, बीआरएस, शिअद का उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाना भाजपा को झटका : राउत

vikasparakh
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मुंबई. शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को झटका है. नयी दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने कहा कि चुनाव में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के वोट एकजुट रहेंगे और मुकाबला रोमांचक होगा.

उपराष्ट्रपति चुनाव के तहत मंगलवार को मतदान हो रहा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि इन दलों (बीजद, बीआरएस, शिअद) पर राजग उम्मीदवार को वोट देने का दबाव था, लेकिन वे नहीं झुके. शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, ”इन दलों का तटस्थ रहना भाजपा के लिए एक झटका है.” मतदान से एक दिन पहले ही, ओडिशा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने फैसला किया कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) दोनों से ”समान दूरी बनाए रखने” की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है.

वहीं, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी तेलंगाना में यूरिया की कमी को लेकर राज्य के किसानों की ”पीड़ा” व्यक्त करने के लिए नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी सोमवार को कहा था कि वह पंजाब में आई बाढ़ के मद्देनजर उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करेगा.

संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था. उनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है. शिवसेना (उबाठा) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में, पितृपक्ष (अशुभ माना जाने वाला समय) के दौरान उपराष्ट्रपति चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया. इसमें कहा गया है कि चूंकि राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं और कट्टर हिंदुत्ववादी हैं, इसलिए इस समय उनका चुनाव लड़ना आश्चर्यजनक है.

मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी और परिणाम देर शाम घोषित किए जाएंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान प्रणाली के तहत होता है.
देश के 17वें उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं.

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