तोक्यो. गत चैम्पियन नीरज चोपड़ा विश्व चैम्पियनशिप पुरूष भालाफेंक फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आठवें स्थान पर रहे जबकि पहली बार खेल रहे भारत के ही सचिन यादव ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके चौथा स्थान हासिल किया . फाइनल में कोई भी प्रतियोगी 90 मीटर तक नहीं पहुंच सका . चोपड़ा पांचवें दौर के बाद बाहर हो गए और 84 . 03 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ आठवें स्थान पर रहे .
चोपड़ा का पांचवां प्रयास फाउल रहा और वह उसी जगह से स्पर्धा से निराशाजनक ढंग से बाहर हो गए जहां उन्होंने 2021 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था . सिर्फ छह शीर्ष खिलाड़ी छठे और आखिरी दौर में पहुंचे और भारत का प्रतिनिधित्व चोपड़ा ने नहीं बल्कि यादव ने किया .
उन्होंने पहले ही प्रयास में 86 . 27 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका था जो उनका सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन भी रहा . वह जर्मनी के जूलियन वेबर (86 . 11 मीटर) और ओलंपिक चैम्पियन पाकिस्तान के अरशद नदीम (82 . 75 मीटर) से आगे रहे . स्वर्ण पदक त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट (88 . 16 मीटर) ने जीता जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स (87 . 38 मीटर) दूसरे और अमेरिका के कुर्टिस थाम्पसन (86 . 67 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे .
पिछली बार के रजत पदक विजेता नदीम चौथे दौर के बाद बाहर होने वाले पहले प्रतियोगियों में थे. दो बार के ओलंपिक पदक विजेता चोपड़ा ने 83 . 65 मीटर के साथ शुरूआत की और पांचवें स्थान पर थे . इसके बाद तीसरा थ्रो 84 . 03 मीटर का फेंका . वह दूसरे दौर के बाद आठवें स्थान पर खिसक गए और वहीं रहे .
उनका चौथा थ्रो 82 . 86 मीटर का था जिसके बाद उन्हें पांचवें थ्रो में कीनिया के जूलियस येगो से आगे निकलना था जिन्होंने 85 . 54 मीटर का थ्रो फेंका था लेकिन चोपड़ा का पांचवां प्रयास फाउल रहा . भाला फेंकने के बाद वह साइड में गिर गए और रेखा पार करते ही अधिकारियों ने लाल झंडा दिखा दिया . अपनी निरंतरता के लिये विख्यात चोपड़ा पांच प्रयासों में एक बार भी 85 मीटर को पार नहीं कर सके . उन्होंने इस साल मई में चेक गणराज्य के महान खिलाड़ी जान जेलेज्नी के मार्गदर्शन में 90 . 23 मीटर का थ्रो फेंका था लेकिन उसके बाद से उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है .


