नयी दिल्ली. कांग्रेस ने राहुल गांधी द्वारा सुरक्षा ‘प्रोटोकॉल’ का उल्लंघन किए जाने के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दावे के समय को लेकर बृहस्पतिवार को सवाल खड़े किए और कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जारी अभियान की अगुवाई कर रहे हैं.
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ वाले खुलासे का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह सवाल भी किया कि क्या सरकार उस सच्चाई से घबरा गई है जो उजागर होने वाली है. सीआरपीएफ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर दावा किया है कि राहुल गांधी ने अपनी आवाजाही के दौरान कथित तौर पर कुछ सुरक्षा ‘प्रोटोकॉल’ का उल्लंघन किया.
सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा, लोकसभा में विपक्ष के नेता 55 वर्षीय गांधी को ‘जेड प्लस (एएसएल)’ सुरक्षा प्रदान करती है.
खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”सीआरपीएफ के पत्र का समय और इसे तुरंत सार्वजनिक रूप से जारी करने से कई सवाल खड़े होते हैं. राहुल गांधी निर्वाचन आयोग की मिलीभगत से भाजपा की ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.” उन्होंने सवाल किया कि क्या यह विपक्ष के नेता को डराने-धमकाने का परोक्ष प्रयास है, जिन्होंने पहले ही एक और आसन्न खुलासे की घोषणा कर दी है? खेड़ा ने कहा, ”क्या सरकार उस सच्चाई से घबरा गई है जो वह उजागर करने जा रहे हैं?”


