हासन. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित कुछ वर्गों की आपत्तियों के बावजूद मैसूरु जिला प्रशासन ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को इस वर्ष के ‘मैसूरु दशहरा’ का उद्घाटन करने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है. मैसूरु उपायुक्त (डीसी) लक्ष्मीकांत रेड्डी जी. के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम यहां मुश्ताक के आवास पहुंची और उन्हें पारंपरिक रेशमी शॉल और मैसूरु पेटा (पगड़ी) से सम्मानित करने के बाद निमंत्रण दिया. मैसूरु में दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होगा और दो अक्टूबर को ‘विजयादशमी’ पर समाप्त होगा.
मैसूरु डीसी ने निमंत्रण देने के बाद कहा, ”मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 22 सितंबर को चामुंडी पहाड़ी पर मैसूरु दशहरा-2025 का उद्घाटन करने के लिए बानू मुश्ताक को चुना है. उन्होंने मैसूरु जिला प्रशासन को उन्हें सम्मानपूर्वक आमंत्रित करने का निर्देश दिया था और तदनुसार जिला प्रशासन ने हासन आकर उन्हें आमंत्रित किया है. उन्होंने खुशी-खुशी निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.” मुश्ताक ने उन्हें ‘नाडा हब्बा’ (राज्य उत्सव) दशहरा का उद्घाटन करने का सम्मान देने के लिए कर्नाटक के लोगों, सरकार, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मैसूरु जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया.
उन्होंने हाल के घटनाक्रमों पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिनमें उन्हें आमंत्रित करने को लेकर उठे विवाद भी शामिल है. बानू मुश्ताक का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद, भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा लेखिका को दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने के फैसले पर आपत्ति जतायी है. वीडियो में, मुश्ताक को कथित तौर पर कन्नड भाषा को ‘देवी भुवनेश्वरी’ के रूप में पूजा करने पर आपत्ति जताते और यह कहते सुना जा सकता है कि यह उनके जैसे लोगों (अल्पसंख्यकों) के लिए बहिष्कारपूर्ण है.
भाजपा के कई नेताओं ने मुश्ताक से दशहरा का उद्घाटन करने की सहमति देने से पहले देवी चामुंडेश्वरी के प्रति अपनी श्रद्धा स्पष्ट करने को कहा है. हालांकि, मुश्ताक ने कहा है कि उनके पुराने भाषण के चुनिंदा हिस्सों को सोशल मीडिया पर वायरल करके उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
दशहरा का उद्घाटन पारंपरिक रूप से मैसूरु में चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसूरु और उसके राजघरानों की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प वर्षा करके किया जाता है. भाजपा पर मैसूरु दशहरा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए, सिद्धरमैया ने कहा है कि यह त्योहार सभी समुदायों के लोग ‘नाडा हब्बा’ के रूप में मनाते हैं और लेखिका बानू मुश्ताक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए इसका उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया है.


