युक्तियुक्तकरण के बाद ज्वाइनिंग नही देने वाले कोरबा के 4 शिक्षक निलंबित, कईयों का वेतन भी रोका गया

vikasparakh
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रायपुर. कोरबा जिला में युक्तियुक्तकरण के बाद ज्वाइनिंग नहीं देने वाले 4 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं युक्तियुक्तकरण के बाद आबंटित स्कूलोें में ज्वाइनिंग नहीं करने वाले कई शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर उनका 2 महीने का वेतन भी रोका गया है. युक्तियुक्तकरण के बाद ज्वाइनिंग नहीं करने वाले इन शिक्षकों पर जिला एवं संभागीय स्तरीय समितियों में सुनवाई के बाद आवेदनों को अमान्य करने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं करने पर कार्यवाही की जा रही है. जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसे सभी शिक्षकों को जल्द से जल्द आबंटित विद्यालयों में उपस्थिति दे कर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने बताया कि शासन द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश के तहत कोरबा जिले के प्राथमिक शाला के 292 सहायक शिक्षक एवं 15 प्रधान पाठक तथा माध्यमिक शाला के 153 शिक्षक एवं प्रधान पाठक अतिशेष के रूप में चिन्हांकित हुए थे. युक्तियुक्तकरण निर्देश के अनुसार इन अतिशेष शिक्षकों को शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयो में पदस्थ किया जाना था. चूंकि कोरबा जिले के प्राथमिक शाला में एकल शिक्षकीय विद्यालयों की संख्या अतिशेष शिक्षको की संख्या से ज्यादा होने के कारण जिला सारीय युक्तियुक्तकरण समिति के द्वारा दूरस्थ अंचल में स्थिति एवं लबे समय से शिक्षको की कमी वाले एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन विद्यालयों में अतिशेष शिक्षको की पदस्थापना का निर्णय लिया गया. उक्त निर्णय के आधार पर अतिशेष शिक्षको की ओपन काउंसलिंग आयोजित करके पदस्थापना आदेश जारी किया गया.

उन्होंने बताया कि पदस्थापना आदेश से असंतुष्ट शिक्षको के द्वारा जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया, जिसे समाधानकारक नहीं पाए जाने के कारण अमान्य किया गया. इसके पश्चात् संबंधित असंतुष्ट शिक्षको के द्वारा माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिकाएं प्रस्तुत किया गया, जिसमें अधिकांश याचिकाकर्ता शिक्षको को जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति को प्रस्तुत अभ्यावेदन का एक सप्ताह के भीतर सुनवाई कर निराकरण करने का निर्देश दिया गया. माननीय न्यायालय के आदेशानुसार जिला स्तर पर सुनवाई उपरांत 5 अभ्यावेदन मान्य पाए गये एवं शेष अभ्यावेदनों को समाधानकारक नहीं पाए जाने के जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के द्वारा पुन अमान्य किया गया.

जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा युक्तियुक्तकरण से संबंधित असंतुष्ट शिक्षकों के अभ्यावेदन का निराकरण करने हेतु संभाग एवं राज्य स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति का गठन किया गया. जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति के द्वारा अभ्यावेदन के अमान्य करने उपरात संबंधित असंतुष्ट शिक्षको के द्वारा संभाग स्तरीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया. संभाग स्तरीय समिति के द्वारा भी शिक्षकों के अभ्यावेदनों पर सुनवाई उपरात 2 अभ्यावेदन मान्य पाए गये एवं शेष अभ्यावेदनों को समाधानकारक नहीं पाए जाने के कारण अमान्य किया गया.

इसी दौरान जिला स्तर पर युक्तियुक्तकरण के तहत पदांकन आदेश के तहत कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षको को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसके तहत संबंधित शिक्षको के प्रस्तुत जवाब के समाधानकारक नहीं जाए जाने के कारण 4 सहायक शिक्षकों को निलंबित किया गया तथा कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले समस्त शिक्षको का विगत दो माह से वेतन रोका गया है.

उन्होंने बताया कि युक्तियुक्तकरण के उपरांत जिले के अधिकाश दूरस्थ अचल में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षको के द्वारा कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है. फलस्वरूप नियमित रूप से अध्ययन व्यवस्था सुनिश्चित कर लिया गया है तथा वर्तमान में जिन स्कूलों में शिक्षको की कमी है. उन स्कूलो में जिला खनिज न्यास मद से मानदेय शिक्षा का व्यवस्था किया गया है.

स्कूल के फर्नीचर बेचने वाले प्राचार्य पर जिला प्रशासन सख्त,निलंबन का प्रस्ताव शासन को प्रेषित
स्कूल के फर्नीचर को निजी स्कूलों को विक्रय करने के मामले को बलौदाबाजार कलेक्टर दीपक सोनी ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए जांच में तथ्य पाए जाने पर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये. निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे पर निलंबन की कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया.

जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार टुण्डरा नगरवासियो द्वारा शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे एवं शाला प्रबंधन एवं विकास समिति की सहमति से स्कूल के फर्नीचर को निजी विद्यालयों को बेच देने के सम्बन्ध में शिकायत13 सितम्बर 2025 शनिवार को प्राप्त हुई. शिकायत की जांच हेतु टीम गठित किया गया जिसमें तहसीलदार टुण्डरा,विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल विकासखंड स्रोत समन्वयक संकुल समन्वयक के द्वारा शनिवार को ही स्थल पर जाकर मौक़ा जांच किया गया.

जांच में पाया गया कि 8 सितम्बर 2025 को शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के पदाधिकारियों द्वारा पुराना जर्ज़र भवन को डिसमेन्टल कराए जाने हेतु वहां रखे कबाड़ एवं अनुपयोगी सामान को बेचने एवं प्राप्त राशि को शाला विकास समिति की खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया.

शाला के प्रभारी प्राचार्य बंजारे द्वारा उक्त निर्णय के आधार पर टुण्डरा नगर के ज्ञान अमृत विद्यालय को 67 नग टेबल -चेयर एवं धविका पब्लिक स्कूल शिवरीनारायण को 40 नग टेबल -चेयर को कबाड़ मानकर उपयोगी फर्नीचर को बेच दिया गया. दोनों विद्यालय को बेचे गये फर्नीचर को शनिवार को लगभग 3 बजे शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के गेट पर नगरवासियों द्वारा रोका गया जिस पर भौतिक सत्यपन कराया गया. सत्यापन में शिकायत की सत्यता की पुष्टि हुई .जांच दल द्वारा शिकायतकर्ताओ के समक्ष 3 पिकअप में लाए गए फर्नीचर की शासकीय शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय टुण्डरा के एक क़क्ष में सुरक्षित सीलबंद किया गया एवं पंचनामा तैयार कर ताले की चाबी जांच दल द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है.

जांच दल द्वारा शाला प्रबंधन समिति एवं प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे द्वारा कबाड़ मानकर बेचे गये सभी फर्नीचर को सही स्थिति एवं उपयोग के योग्य पाया गया.जांच दल द्वारा प्रभारी प्राचार्य को कबाड़ के रूप में बेचे गये फर्नीचर अनुपयोगी सामग्री निस्तारण में किसी भी प्रकार के आपलेखन नियम प्रक्रिया का पालन करना नहीं पाया गया और न ही अपलेखन के पूर्व उच्च कार्यालय से अनुमति प्राप्त किया गया. इस प्रकार प्रभारी प्राचार्य रमेश बंजारे के द्वारा अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती गई है जो कि सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत है.

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