बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को अवसर की घोषणा (एओ) जारी कर वैज्ञानिक समुदाय को चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर के प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण और उपयोग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को चंद्रमा की सतह पर जाकर अध्ययन करने के लिए प्रक्षेपित किया गया था. बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और सरकारी संगठनों के संकाय और शोधकर्ताओं से प्रस्ताव मांगे हैं. प्रस्ताव जमा करने की समय सीमा 21 अक्टूबर है.
इसरो द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए और पेलोड ने एक चंद्र दिवस के लिए लैंडिंग क्षेत्र की भूकंपनीयता, ताप-भौतिक गुणों, प्लाज्मा पर्यावरण और तात्विक संरचना से संबंधित आंकड़ा एकत्र किया.
विज्ञप्ति में कहा गया, “पेलोड टीमों ने आंकड़ों का विश्लेषण किया और उन्हें प्रतिष्ठित विशेषज्ञ-समीक्षित पत्रिकाओं में प्रकाशित किया. विज्ञान संबंधी आंकड़ों की संबंधित विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की गई है और 23 अगस्त, 2024 को जनता के लिए जारी किया गया है.” अब, इसरो ऐसे नवीन अनुसंधान प्रस्तावों की तलाश कर रहा है जो इच्छित विज्ञान के संदर्भ में पेलोड की क्षमता को समझते हों.


