नयी दिल्ली. बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अदाणी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी. सेबी ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के बाद भेदिया कारोबार, बाजार में गड़बड़ी और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन के आरोप निराधार पाए गए. हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में अदाणी समूह के खिलाफ जारी एक रिपोर्ट आरोप लगाया था कि आदिकॉर्प एंटरप्राइजेज प्राइवेट लि., माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लि. और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि. का इस्तेमाल अदाणी समूह की विभिन्न कंपनियों से सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध अदाणी पावर लि. और अदाणी एंटरप्राइजेज लि. को पैसा भेजने के लिए एक माध्यम के रूप में किया गया.
सेबी बोर्ड के सदस्य कमलेश सी वाष्र्णेय ने दोनों आदेशों में कहा कि नियामक के खुलासा मानदंडों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि आदिकॉर्प, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच समूह की कंपनियों के साथ लेनदेन संबंधित पक्ष की परिभाषा दायरे में नहीं आता है.
इसमें प्रतिभूतियों के बड़े अधिग्रहण या नियंत्रण से संबंधित कोई उल्लंघन भी नहीं पाया गया जो निवेशकों को गुमराह कर सकता हो.
सेबी जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अदाणी की कंपनियों या अधिकारियों पर जिम्मेदारी थोपने या जुर्माना लगाने का कोई आधार नहीं था.
सेबी का यह आदेश, जनवरी, 2023 की हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद महीनों की जांच और अटकलों के बाद आया है. रिपोर्ट के कारण सूचीबद्ध अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. हिंडनबर्ग कंपनी अब बंद हो चुकी है. अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया और उसे पूरी तरह से आधारहीन बताया. उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने भी कहा था कि अदाणी के खिलाफ प्रथम दृष्टया गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है.
अदाणी ने सेबी आदेश पर कहा, फर्जी रिपोर्ट का उपयोग कर झूठी खबरें फैलाने वाले माफी मांगें
सेबी की क्लीन चिट से उत्साहित उद्योगपति गौतम अदाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की ‘धोखाधड़ी वाली और गलत इरादे से लायी गयी’ रिपोर्ट का इस्तेमाल कर झूठी खबरें फैलाने वालों को देश से माफी मांगनी चाहिए. अदाणी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”समूह हमेशा से कहता रहा है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे. सेबी की क्लीन चिट ने उस बात की पुष्टि की है.” बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अदाणी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी.
सेबी ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो. अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, ”एक विस्तृत जांच के बाद, सेबी ने उस बात की पुष्टि की है जो हम हमेशा से कहते आए हैं कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे. पारर्दिशता और ईमानदारी हमेशा से अदाणी समूह की पहचान रही है.” हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में रिपोर्ट जारी कर अदाणी पर धन की हेराफेरी करने समेत अन्य आरोप लगाए थे. उसके बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.
अदाणी ने कहा, ”हम उन निवेशकों का दर्द गहराई से महसूस करते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और गलत इरादे से पेश रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया. जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, ”भारत की संस्थाओं, भारत के लोगों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है.” उन्होंने ‘एक्स’ पर अंत में लिखा है, ”सत्यमेव जयते! जय हिंद.”


