प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ- आरएसएस की शताब्दी पर एक लेख में अपने विचार साझा किए। संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान के उद्देश्य से की गई थी। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने कहा कि सौ साल पहले, संघ का जन्म समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से हुआ था। श्री मोदी ने कहा कि सौ वर्षों में, असंख्य स्वयंसेवकों ने इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ की सौ साल की यात्रा की नींव एक महान राष्ट्रीय मिशन, व्यक्तिगत परिवर्तन के मार्ग और शाखा की व्यावहारिक पद्धति द्वारा रखी गई है। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से संघ ने लाखों स्वयंसेवकों को दिशा दी है जो जीवन के हर क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अपनी स्थापना के समय से ही संघ ने राष्ट्र की प्राथमिकता को अपनी प्राथमिकता माना है। उन्होंने कहा कि संघ हमेशा से देशभक्ति और सेवा का पर्याय रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपनी एक शताब्दी की यात्रा में संघ ने समाज के विभिन्न वर्गों में आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास जगाया है। उन्होंने आगे कहा कि संघ ने देश के सबसे दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी काम किया है। श्री मोदी ने इस बात का उल्लेख किया कि दशकों से संघ ने आदिवासी समुदायों की परंपराओं, रीति-रिवाजों और मूल्यों के संरक्षण और पोषण के लिए खुद को समर्पित किया है।
