लातेहार. झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित माओवादी समूह झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नौ सदस्यों ने अपने हथियारों और गोला-बारूद के साथ सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नौ उग्रवादियों में एक जोनल कमांडर और चार उप-जोनल कमांडर शामिल हैं, जिन पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम था. माओवादियों ने 12 आग्नेयास्त्रों के साथ आत्मसमर्पण किया, जिनमें चार एके-47 राइफल, एक एके-56 राइफल और तीन एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), 1,782 कारतूस और 26 मैगजीन शामिल हैं.
झारखंड के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी-ऑपरेशन) माइकल राज एस ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “जेजेएमपी के नौ सदस्यों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. मैं सभी माओवादियों से आग्रह करता हूं कि वे आत्मसमर्पण करें और आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.” पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि जेजेएमपी के जोनल कमांडर रविंद्र यादव पर पांच लाख रुपये का इनाम था और वह 14 मामलों में वांछित था. पुलिस ने बताया कि उसने दो एके-47, तीन राइफल और 1,241 कारतूस के साथ आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस ने बताया कि तीन उप-जोनल कमांडरों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था. उनमें 10 मामलों में वांछित अखिलेश यादव, नौ मामलों में वांछित बलदेव गंझू और 21 मामलों में वांछित मुकेश राम शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि एक अन्य उप-जोनल कमांडर, जिसकी पहचान पवन उर्फ ??राम प्रसाद के रूप में हुई है, पर 3 लाख रुपये का इनाम था और वह तीन मामलों में वांछित था. आत्मसमर्पण करने वाले चार क्षेत्रीय कमांडर ध्रुव जी उर्फ राजू राम, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू हैं और वे कुल नौ मामलों में वांछित थे.
सीआरपीएफ के महानिरीक्षक साकेत कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “इन नौ माओवादियों के आत्मसमर्पण के साथ, लातेहार में जेजेएमपी का कोई भी सदस्य नहीं बचा है. हम झारखंड से नक्सलवाद को खत्म करने के बहुत करीब हैं.” एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में इस वर्ष जनवरी से अब तक लातेहार जिले में 75 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है.


