मंगलुरु. धर्मस्थल में कई बलात्कार, हत्याओं और दफनाने के कथित मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने छह सितंबर को बंगाले गुड्डे में एक स्थल के निरीक्षण के दौरान मानव कंकाल के अवशेष बरामद किए. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि 17 वर्षीय पीड़िता के रिश्तेदारों की मौजूदगी में यह अवशेष बरामद किए गए. छात्रा से कथित तौर पर नौ अक्टूबर, 2012 को बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी. यह मामला एक दशक से भी ज़्यादा समय बाद भी अनसुलझा है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच और उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद असली अपराधियों की पहचान कभी नहीं हो पाई.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि छात्रा के रिश्तेदार ने कार्यकर्ता गिरीश मत्तनवर के निर्देश पर घटनास्थल से एक मानव खोपड़ी खोदकर निकाली. गिरीश ने पूर्व में शिकायतकर्ता सी एन चिन्नैया से जानकारी हासिल की थी, जिनकी शिकायत के आधार पर एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने बाद में पुष्टि की कि इस कवायद के दौरान कम से कम दो कंकाल बरामद हुए.
पुलिस के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, “बंगाले गुड्डे में घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान, एसआईटी को कम से कम दो लोगों के कंकाल मिले. यह जांच टीम के लिए एक चौंकाने वाली बात है.” अधिकारियों को अंदेशा है कि इस वीरान जगह पर और भी शव दफन हो सकते हैं. बरामद हड्डियों को विश्लेषण के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) भेज दिया गया है. जांच अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि चिन्नैया ने घटनास्थल की जानकारी होने के बावजूद पूर्व में इसकी जानकारी क्यों नहीं दी.
पुलिस ने बताया कि छात्रा के रिश्तेदार ने मत्तनवर के निर्देश पर काम किया और शव को बाहर निकालने की पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाया. मत्तनवर को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन उनसे आगे पूछताछ की संभावना है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम इस बात की जांच करेंगे कि व्यक्ति को इस स्थान के बारे में कैसे पता चला और इसे इतने लंबे समय तक क्यों छिपाया गया.” उन्होंने कहा, “मृतक की पहचान और मृत्यु की परिस्थितियों को स्थापित करने के संबंध में एफएसएल रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी.” इस क्षेत्र में शवों को दफनाए जाने के मामले पर कड़ी नज.र रखी जा रही है, और नवीनतम निष्कर्षों के बाद एसआईटी द्वारा अपनी जांच का दायरा बढ़ाने की संभावना है. जांचकर्ताओं को केरल और तमिलनाडु तक भी सुराग मिले हैं. केरल के एक यूट्यूबर मनाफ को सोमवार को एसआईटी के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया है.
एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने धर्मस्थल में कुछ समय के दौरान कई शवों को दफनाने का दावा किया, जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं के शव भी शामिल थे. इस मामले में स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की संलिप्तता के दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंदिर को निशाना बनाए जाने का विरोध किया था. उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने भी चेताया था कि अगर शिकायत झूठी निकली तो कार्रवाई की जाएगी. मंदिर के ‘धर्माधिकारी’ वीरेंद्र हेगड़े ने भी एसआईटी के गठन का स्वागत किया था.


