नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह अपने जन्मदिन पर देश-विदेश से मिली अनगिनत शुभकामनाओं, आशीर्वाद और स्नेह संदेशों से अभिभूत महसूस कर रहे हैं. उन्होंने ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए और अधिक ऊर्जा एवं समर्पण के साथ काम करते रहने का संकल्प भी लिया.
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि लोगों की असंख्य शुभकामनाएं और उनकी तरफ से जताया गया भरोसा उन्हें बहुत ताकत देता है. उन्होंने कहा कि वह इसे न केवल अपने लिए, बल्कि उस काम के लिए भी एक आशीर्वाद के रूप में देखते हैं, जो “हम एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए मिलकर कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने लिखा, “जनशक्ति का आभार. मैं देश-विदेश से मिली असंख्य शुभकामनाओं, आशीर्वाद और स्नेह संदेशों से सचमुच अभिभूत महसूस कर रहा हूं. यह प्यार मुझे शक्ति और प्रेरणा देता है. मैं इसके लिए लोगों का आभार जताता हूं.”
मोदी ने कहा कि पूरे भारत में लोग विभिन्न सामाजिक सेवा पहल कर रहे हैं, जिनमें से कई आने वाले दिनों में भी जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों में निहित यह अच्छाई भारतीय समाज को बनाए रखती है और आशा एवं सकारात्मकता के साथ सभी चुनौतियों पर जीत हासिल करने का साहस देती है. मोदी ने ऐसी पहल में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सभी लोगों की सराहना की.
उन्होंने कहा, “आपकी असंख्य शुभकामनाएं और मुझमें जताया गया विश्वास मुझे बहुत ताकत देता है. मैं इसे न केवल अपने लिए, बल्कि उस काम के लिए भी एक आशीर्वाद के रूप में देखता हूं, जो एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए हम सब मिलकर कर रहे हैं. मैं और भी अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ काम करते रहने का संकल्प लेता हूं, ताकि हम ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को साकार कर सकें.” मोदी ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाओं का जवाब नहीं दे पाया, लेकिन मैं फिर कहूंगा-इस स्नेह ने मेरे दिल को गहराई से छुआ है. मैं सभी के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की प्रार्थना करता हूं.” प्रधानमंत्री मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर के एक छोटे से कस्बे में हुआ था. बुधवार को मोदी के 75वें जन्मदिन पर देश-विदेश के नेताओं और दिग्गज हस्तियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व की सराहना की.
प्रधानमंत्री मोदी को मिले 1,300 से अधिक उपहारों की ई-नीलामी शुरू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उपहार में मिली 1,300 से अधिक वस्तुओं को बुधवार को शुरू हुई ई-नीलामी में रखा गया है. इन वस्तुओं में देवी भवानी की एक मूर्ति, अयोध्या के राम मंदिर का एक मॉडल और 2024 पैरालंपिक खेलों की खेल संबंधी यादगार चीजें शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन नीलामी के सातवें संस्करण की शुरुआत मोदी के जन्मदिन के साथ हो रही है, जो बुधवार को 75 वर्ष के हो गए. ई-नीलामी 2 अक्टूबर तक जारी रहेगी.
‘पीएम ममेंटोज’ की वेबसाइट के अनुसार, देवी भवानी की मूर्ति का आधार मूल्य 10,39,500 रुपये, जबकि राम मंदिर के मॉडल का आधार मूल्य 5.5 लाख रुपये है. संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि ये दोनों वस्तुएं, पैरालंपिक पदक विजेताओं के तीन जोड़ी जूते के आधार मूल्य के साथ शीर्ष पांच की श्रेणी में हैं. प्रत्येक जोड़ी जूते का आधार मूल्य 7.7 लाख रुपये है.
संस्कृति मंत्रालय ने अपराह्न करीब एक बजे ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी का 7वां संस्करण अब लाइव है. इन स्मृति चिह्नों की प्रदर्शनी राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली रहेगी, जिससे आगंतुकों को इस संग्रह को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिलेगा.” इसने प्रधानमंत्री स्मृति चिह्नों की नवीनतम ई-नीलामी पर एक छोटी वीडियो क्लिप भी साझा की.
ई-नीलामी में शामिल अन्य वस्तुओं में जम्मू-कश्मीर का कढ.ाई वाला पश्मीना शॉल, राम दरबार की एक तंजौर पेंटिंग, एक धातु की नटराज प्रतिमा, जीवन वृक्ष को दर्शाती गुजरात की एक रोगन कला और एक हाथ से बुना हुआ नागा शॉल शामिल हैं. इस संस्करण का एक विशेष आकर्षण पेरिस पैरालंपिक 2024 में भाग लेने वाले भारतीय पैरा-एथलीट द्वारा उपहार में दिए गए खेलों के स्मृति चिन्ह हैं. संस्कृति मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि ये प्रतीक पैरा-एथलीटों के जुझारूपन, उत्कृष्टता और अदम्य भावना के प्रतीक हैं.
ई-नीलामी का पहला संस्करण जनवरी 2019 में आयोजित किया गया था.
संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, ”तब से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए हजारों अनोखे उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिससे नमामि गंगे परियोजना के समर्थन में 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई है.” केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री को मिले 1,300 से अधिक उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी.
पिछले वर्षों की तरह, ई-नीलामी से प्राप्त समस्त आय नमामि गंगे परियोजना में दी जाएगी, जो गंगा नदी और उसके पारितंत्र के पुनरुद्धार, संरक्षण और सुरक्षा के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है. मंत्रालय ने कहा, ”ई-नीलामी न केवल नागरिकों के लिए इतिहास के एक अंश को अपने पास रखने का अवसर है, बल्कि एक महान मिशन – हमारी पवित्र नदी, गंगा के संरक्षण – में भाग लेने का भी अवसर है.”


