बांग्लादेश में ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र-आईजीसीसी ने कई कार्यक्रमों के साथ हिंदी पखवाड़ा 2025 मनाया, जिसका आज समापन हुआ। 14 सितम्बर से शुरू हुए इस पखवाड़े के कार्यक्रम में निबंध लेखन, कविता पाठ, अंताक्षरी प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जिनका उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना और भारत की भाषाई विविधता का जश्न मनाना था।
भारत के उप उच्चायुक्त पवन बधे नेसमापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं और देश में बोली जाने वाली कई अन्य भाषाओं की समृद्धि को मान्यता देने में हिंदी पखवाड़ा के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रत्येक भाषा भारत की सांस्कृतिक विरासत में योगदान देती है और क्षेत्रीय संबंधों को मज़बूत करती है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय भाषाओं, विशेष रूप से संस्कृत के वैश्विक महत्व पर भी ध्यान दिया और भारत सरकार द्वारा हाल ही में बांग्ला को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने का स्वागत किया और इसे भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए गौरव का क्षण बताया।
