राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएंगे : पाकिस्तान-सऊदी रक्षा सौदे पर भारत

vikasparakh
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नयी दिल्ली. पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

पाकिस्तान-सऊदी अरब के एक संयुक्त बयान के मुताबिक, समझौते में कहा गया है कि “दोनों देशों में से किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह के हमले को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा.” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेगा.

उन्होंने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और “सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने” के लिए प्रतिबद्ध है.
‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते’ पर सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलअजीज अल सऊद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को हस्ताक्षर किए. शरीफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ सऊदी अरब की यात्रा पर थे. इस समझौते पर भारत और पाकिस्तान के बीच मई में चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद मुहर लगी है.

जायसवाल ने कहा, “हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं.” उन्होंने कहा, “सरकार को इस बात की जानकारी थी कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही इस व्यवस्था को औपचारिक रूप देने वाले इस घटनाक्रम पर विचार किया जा रहा है.” जायसवाल ने कहा कि भारत “इस घटनाक्रम के हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा.” उन्होंने कहा, “सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.” जायसवाल इस मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंध भी पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं, खासकर दिसंबर 2020 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की खाड़ी देश की यात्रा करने के बाद. यह भारतीय सेना के किसी प्रमुख की सऊदी अरब की पहली यात्रा थी.

पाकिस्तान-सऊदी अरब के संयुक्त बयान में कहा गया है कि नया रक्षा समझौता “दोनों देशों की सुरक्षा बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता” को दर्शाता है और इसका मकसद “दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करना तथा किसी भी आक्रमण के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध की क्षमता को मजबूत करना है.” पाकिस्तान सऊदी अरब का प्रमुख सहयोगी रहा है और दोनों पक्षों के बीच रक्षा क्षेत्र में गहरे संबंध हैं.

इस समझौते पर हस्ताक्षर ऐसे समय में हुआ है, जब कतर में इजराइल की ओर से हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए सैन्य हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान और सऊदी अरब ने 1982 में एक द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग समझौते पर दस्तखत किए थे, जिसमें र्किमयों के प्रशिक्षण सहित दोनों पक्षों के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ाने का प्रावधान था.

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