गिरिडीह. झारखंड के गिरिडीह जिले में 25-वर्षीय युवक ने कथित तौर पर किसी और के साथ संबंधों के शक में अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी. युवक ने इस घटना की चश्मदीद एक अन्य महिला को भी मार डाला. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. घटना के कुछ घंटों बाद युवक को गिरफ्तार कर लिया गया और वह पुलिस हवालात में खून से लथपथ मिला, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों महिलाएं शुक्रवार से लापता थीं, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
खोरी महुआ के अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) राजेंद्र प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने गुमशुदगी की शिकायत की जांच करते हुए सोमवार को गवां थाना क्षेत्र के महातपुर निवासी श्रीकांत चौधरी को हिरासत में लिया. उन्होंने कहा, ”पूछताछ के दौरान चौधरी ने दोनों महिलाओं की हत्या करने की बात कबूल कर ली और पुलिस को वह जगह भी दिखाई, जहां शव छिपाए गए थे.” प्रसाद ने बताया कि शव देर रात चरखी नीमाडीह जंगल से बरामद किए गए.
एसडीपीओ ने कहा, ”आरोपी ने कबूल किया कि उसका एक महिला से प्रेम संबंध था और उसे शक था कि उसका (महिला का) किसी अन्य युवक के साथ संबंध है. उसने (आरोपी ने) प्रमिका को जंगल में बुलाया था, लेकिन वह अपने साथ दूसरी महिला को भी ले आई.” प्रसाद ने बताया कि चौधरी ने सबसे पहले उस महिला की गला दबाकर हत्या कर दी, जिसके साथ उसके प्रेम संबंध थे. इसके बाद दूसरी महिला की भी धारदार हथियार से हत्या कर दी. घटना के बाद दोनों महिलाएं जिस गांव में रहती थी वहां के लोगों ने मंगलवार दोपहर को गवां थाने पर विरोध प्रदर्शन किया और हवालात में बंद चौधरी को कड़ी सजा देने की मांग की.
एसडीपीओ ने कहा, ”थाने के र्किमयों ने अपराह्न करीब तीन बजे हवालात से चीखने की आवाज सुनी और चौधरी को खून से लथपथ पाया.” आरोपी को पहले गावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया और यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
प्रसाद ने कहा, ”थाने के बाहर जनता का गुस्सा देखकर वह अवसादग्रस्त हो गया था और उसने हवालात के अंदर आत्महत्या का प्रयास किया.” यह पूछे जाने पर कि उसकी मौत कैसे हुई, पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसका पता लग सकेगा. गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”पुलिस हिरासत में मौत के लिए जांच के मकसद से हम अनिवार्य सभी प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, जिसमें मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में और सदर अस्पताल में वीडियोग्राफी के तहत पोस्टमार्टम करना भी शामिल है.”


