नयी दिल्ली. कैंसर से जूझ रहीं दिग्गज अभिनेत्री एवं राजनीतिज्ञ नफीसा अली सोढी ने बताया कि उन्होंने अपनी मौत के बाद अपने बच्चों को मिल-जुलकर रहने की सलाह दी है और कहा है कि यही उनके लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा. सोढी ने कैंसर से अपनी लड़ाई से जुड़ी नयी जानकारी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ‘पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी’ (पीईटी) के बाद फिर से कीमोथेरेपी लेना शुरू कर दिया है.
सोढी ने ‘इंस्टाग्राम’ पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, ”एक दिन मेरे बच्चों ने पूछा कि ‘जब आप नहीं रहेंगी, तो हम किसके पास जाएंगे?’ मैंने उनसे कहा कि तब तुम एक-दूसरे का ख्याल रखना. यदि तुम भाई-बहन मिलकर प्यार से रहोगे और बहुत सारी यादें बनाओगे तथा यह मेरे लिए तुम्हारी तरफ से सबसे बड़ा उपहार होगा. एक-दूसरे का ख्याल रखो. आपका रिश्ता जीवन की किसी भी चुनौती से मजबूत है.” सोढी 2018 से ‘पेरिटोनियल और ओवेरियन कैंसर’ से जूझ रही हैं. यह बीमारी तीसरे चरण में पहुंच चुकी है. पीईटी स्कैन के बाद चिकित्सकों ने कहा कि वह सर्जरी नहीं करा सकती हैं. ‘ओवेरियन’ कैंसर तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और गांठ बना लेती हैं.
‘पेरिटोनियम कैंसर’ पेरिटोनियम नामक झिल्ली में होता है. यह एक पतली, रेशेदार झिल्ली होती है, जो पेट की गुहा को ढकती है और उसमें मौजूद अंगों जैसे कि आंत, यकृत, पेट, गर्भाशय आदि को सुरक्षा और चिकनाई प्रदान करती है. पेरिटोनियम झिल्ली की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने से यह कैंसर होता है.
उन्होंने आगे कहा, ”आज से मेरे सफर का नया अध्याय शुरू हो गया है. कल मेरा पीईटी स्कैन हुआ… सर्जरी संभव नहीं, इसलिए मैं फिर से कीमोथेरेपी ले रही हूं. मुझे जिंदगी से प्यार है…कल से कीमोथेरेपी शुरू हो जाएगी.” ‘पॉजिट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी’ अर्थात पीईटी स्कैन एक ‘इमेजिंग टेस्ट’ है, जो शरीर की चयापचय गतिविधियों को देखने के लिए किया जाता है. यह चिकित्सकों को कैंसर, हृदय संबंधी रोगों और मस्तिष्क विकारों जैसी बीमारियों की पहचान करने में मदद करता है. सोढी को फिल्म ‘जुनून’, ‘मेजर साब’, ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ और ‘गुजारिश’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है.
सोढ़ी ने 2004 और 2009 में क्रमश? कोलकाता और लखनऊ से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था.


