नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार और विनिर्माण जैसे क्षेत्र में भारत-जर्मनी सहयोग को और व्यापक बनाने की अपार संभावनाएं हैं. मोदी ने यह बात जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल से मुलाकात के बाद कही. मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, “जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल से मिलकर प्रसन्नता हुई. भारत और जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “जीवंत लोकतंत्र और अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, हम व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार, विनिर्माण जैसे क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ाने की अपार संभावनाएं देखते हैं.” प्रधानमंत्री ने कहा, “हम एक बहुध्रुवीय विश्व, शांति और संयुक्त राष्ट्र सुधारों के लिए एक समान दृष्टिकोण रखते हैं. मैंने जर्मन चांसलर को शीघ्र भारत आने का निमंत्रण दोहराया.” वेडफुल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत के बाद मोदी से मुलाकात की.
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद जर्मनी के विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यूक्रेन में युद्ध विराम के लिए भारत के आह्वान की सराहना की. उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अच्छी बातचीत हुई. हमारे देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को व्यापक स्तर पर, विशेष रूप से सुरक्षा एवं रक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार तथा कुशल श्रम के क्षेत्र में विस्तारित करने के लिए अच्छे कदम उठाए हैं.” उन्होंने कहा, “हम यूक्रेन में युद्ध विराम के लिए भारत के आह्वान की भी सराहना करते हैं.”
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना चाहिए: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य में अस्थिरता ने भारत और जर्मनी के बीच संबंधों को विस्तार देने के लिए एक ”बहुत ही मजबूत” मामला बना दिया है और नयी दिल्ली और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद मिलेगी.
जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ अपनी वार्ता के बाद, जयशंकर ने भारत के साथ व्यापार को दोगुना करने संबंधी र्बिलन के संकल्प का भी स्वागत किया और कहा कि विचार-विमर्श का ध्यान व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, भविष्य की प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा, शिक्षा और गतिशीलता के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना था.
उन्होंने कहा, ”हमें उम्मीद है कि (बातचीत का) एक और दौर जल्द ही शुरू होगा. हम चाहते हैं कि आने वाले दिनों में यह एक निर्णायक निष्कर्ष पर पहुंच जाए.” उन्होंने वेडफुल के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, ”और हमारा मानना ??है कि यह हमारे पारस्परिक हित में होगा. इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद मिलेगी.” उन्होंने कहा, ”यह वहां एक बड़ा कारक होगा. यह एक प्रकार का सहारा होगा, जिसकी आज विश्व अर्थव्यवस्था को वास्तव में जरूरत है.” ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के मद्देनजर इस टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जयशंकर ने कहा, ”वेडफुल ने मुझे आश्वासन दिया कि जर्मनी यूरोपीय संघ के साथ एफटीए वार्ता में अपना पूरा सहयोग देगा.” एक महत्वपूर्ण घोषणा में विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि छात्र आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज यात्राओं के लिए नि?शुल्क वीजा देने पर सहमति हुई है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाने का संकल्प लिया है.
जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में जर्मनी के समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ”आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के संबंध में जर्मनी ने जो समझदारी दिखाई है, उसकी हम बहुत कद्र करते हैं. मंत्री वेडफुल ने खुद आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने के हमारे अधिकार के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है.” विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, भविष्य की प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा और गतिशीलता के क्षेत्रों में संबंधों के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की.
उन्होंने कहा, ”हम वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में बहुत व्यापक बदलाव देख रहे हैं. हम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भी काफी अस्थिरता देख रहे हैं. और मुझे लगता है कि ये दोनों मिलकर भारत और यूरोपीय संघ तथा भारत और जर्मनी के लिए एक-दूसरे के साथ और भी ज्यादा निकटता से काम करने का एक मज.बूत आधार तैयार करते हैं.” उन्होंने कहा, ”यह एक ऐसा संबंध है जिसमें काफी तेजी से विकास की संभावनाएं हैं.” जयशंकर ने कहा कि ”दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं” और ये ”भारत-जर्मनी संबंधों को और अधिक गहरा, मजबूत और व्यापक बनाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं.” विदेश मंत्री ने दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग पर कहा कि द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को बढ़ाने पर व्यापक सहमति बनी है.


