नयी दिल्ली. फिल्म निर्देशक किरण राव और बीजू टोप्पो ने निर्देशक अरण्य सहाय की पुरस्कार विजेता फिल्म’ह्यूमन्स इन द लूप’ के कार्यकारी निर्माता की जिम्मेदारी संभाल ली है. यह सहाय की पहली फीचर फिल्म है, जो एक आदिवासी महिला की कहानी है. यह महिला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए ‘डेटा लेबलिंग’ के रूप में काम करती है.
राव ने एक बयान में कहा, ”मुझे ‘ह्यूमन्स इन द लूप’ पहली बार देखने से ही बहुत पसंद आ गई. यह बेहद मार्मिक और सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्म है. इस फिल्म का समर्थन करना जरूरी लगा.” राव की फिल्म ‘लापता लेडीज.’ 2024 के अकादमी पुरस्कारों में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि रही थी. आदिवासी सिनेमा के प्रणेता टोप्पो ने स्वदेशी समुदायों के संघर्षों और संकटों से जूझने की उनकी जीजिवीषा को दर्शाने के लिए अपने दशकों के अनुभव का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि ‘ह्यूमन्स इन द लूप’ सीधे तौर पर उन लोगों के जीवन को दर्शाती है जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से ‘जानते और देखते’ आए हैं.
टोप्पो ने कहा, ”बहुत लंबे समय से आदिवासियों का जीवन न सिर्फ इतिहास में बल्कि भविष्य की हमारी कल्पनाओं में भी अदृश्य रहा है. ‘ह्यूमन्स इन द लूप’ हमारे दृष्टिकोण को साहसपूर्वक व्यक्त करती है. इस फ.ल्मि को शुरू से देखने के बाद, मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि यह एक क्षेत्रीय और एक वैश्विक दोनों तरह की फिल्म है.” स्टोरीकल्चर इंपैक्ट फैलोशिप और एसएयूवी फिल्म्स के साथ मिलकर मथिवानन राजेंद्रन, साराभी रविचंद्रन, शिल्पा कुमार और सहाय द्वारा निर्मित यह फिल्म झारखंड पर केंद्रित है और नेहमा नामक एक ओरांव आदिवासी महिला की कहानी है.


