मद्दुर में पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उनका धर्म या पार्टी कुछ भी हो : सिद्धरमैया

vikasparakh
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बेंगलुरु/मांड्या/तुमकुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि भगवान गणेश प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान मद्दुर में हुई पथराव की घटना के लिए ज.म्मिेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी धर्म या पार्टी के हों. उन्होंने भाजपा पर ”शांति भंग करने की कोशिश” करने का आरोप लगाया. सात सितंबर को हुई इस घटना के बाद मद्दुर और आसपास के इलाकों में तनाव बढ. गया था और सोमवार को कई दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. भाजपा ने मंगलवार को मद्दुर में बंद का आह्वान किया था.

सिद्धरमैया ने भाजपा नेताओं के मद्दुर दौरे को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ”उन्हें (भाजपा को) मद्दुर जाने दीजिए. भाजपा शांति भंग करना चाहती है. उन्होंने वहां बंद का आह्वान किया है. 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हम दोषियों के खिलाफ उनकी जाति या धर्म पर गौर किए बिना, कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं. चाहे वे भाजपा से हों या कांग्रेस से, चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों या ईसाई, कार्रवाई की जाएगी.” इस संबंध में मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बलादंडी ने बताया कि 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार अब भी फरार हैं.

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि पुलिस ने भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों को मैसूर में ”चामुंडी हिल चलो” मार्च निकालने से रोक दिया था. उन्होंने कहा, “उन लोगों ने (भाजपा) मैसूर में चामुंडी बेट्टा (पहाड़ी) चलो की योजना बनाई थी. आरएसएस और अन्य लोग शिवमोगा, चिक्कमगलुरु, कोडागु, चामराजनगर, मांड्या आदि विभिन्न स्थानों से आए थे. उनका इरादा शांति और सौहार्द भंग करने का है. इसलिए पुलिस ने उन्हें चामुंडी पहाड़ी पर जाने की अनुमति नहीं दी.” कर्नाटक में कानून-व्यवस्था की चिंताओं को लेकर राज्य भाजपा नेताओं द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क करने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि राज्य सरकार “कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है.” उन्होंने कहा, “जब केंद्र के खिलाफ किसान आंदोलन में कई किसानों की जान चली गई, तब भाजपा के सदस्य कहां थे? मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर भाजपा नेताओं ने आवाज क्यों नहीं उठाई? ??प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) मणिपुर नहीं गए.”

कर्नाटक के मद्दुर में पथराव के दौरान लाइटें बंद होना संदेह पैदा करता है: पुलिस अधिकारी

पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिणी रेंज) एम. बी. बोरलिंगैया ने मंगलवार को कहा कि सात सितंबर को मद्दुर में गणेश मूर्ति विसर्जन शोभा यात्रा पर पथराव के दौरान लाइटें बंद हो जाने से घटना के पूर्व नियोजित होने का संदेह होता है और इस संबंध में जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि मद्दुर में स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और स्थिति पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में है. मद्दुर में पथराव की घटना के बाद तनाव व्याप्त हो गया था.

यहां 22 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस घटना की संदिग्ध साज.शि के बारे में उन्होंने कहा, ”हम इसकी जड़ तक जाएंगे.” पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बोरलिंगैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”हमने सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि की है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, घटना के समय लाइटें बंद थीं. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि पत्थर फेंका गया है. लेकिन, क्या कोई साजिश थी, यह कैसे हुआ और असल कारण क्या है? इन सभी बातों की जांच की जा रही है.” यह पूछे जाने पर कि क्या यह घटना पूर्वनियोजित थी उन्होंने कहा, ”इस समय यह नहीं कहा जा सकता कि यह पूर्वनियोजित थी. लेकिन निश्चित रूप से लाइटें बंद होने से हमें संदेह हुआ कि क्या कोई साजिश थी. इसकी पुष्टि की जाएगी और इसमें जो लोग शामिल थे, उनका पता लगाया जाएगा.”

आईजीपी ने बताया कि रविवार शाम करीब सात बजे शोभा यात्रा के दौरान पथराव की घटना हुई जिसके जवाब में कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए वहां तैनात पुलिस अधिकारियों और र्किमयों ने पांच मिनट के भीतर भीड़ को तितर-बितर कर दिया.

अतिरिक्त बलों को भी तैनात किया गया और यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक कार्रवाई की गई कि स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो जाए. बोरालिंगैया ने कहा कि मद्दूर बंद के आह्वान के मद्देनजर आवश्यक बंदोबस्त लागू कर दिया गया है. जिला प्रभारी मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी के नेतृत्व में दिन में एक शांति बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें बुधवार को होने वाले सामूहिक गणेश मूर्ति विसर्जन के संबंध में भी चर्चा की जाएगी.

मद्दुर में स्थिति नियंत्रण में, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि मांड्या जिले के मद्दुर में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान सात सितंबर को हुई पथराव की घटना के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति अब नियंत्रण में है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. गृह मंत्री ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की और कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.

घटना के मद्देनज.र मंगलवार को भी मद्दुर शहर में भारी पुलिस बल तैनात है, हालांकि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा दिए गए बंद के आह्वान को देखते हुए एहतियात बरता गया. गृह मंत्री परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, ”मद्दुर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. जिले के प्रभारी मंत्री (एन चेलुवरायास्वामी) दोनों समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखने के लिए शांति बैठक कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”जो भी दोषी है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम या कोई और, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी.” परमेश्वर ने यह भी कहा कि जब गणेश उत्सव और विसर्जन जुलूस शांतिपूर्वक चल रहा था, तब अगर कुछ शरारती तत्व जानबूझकर छोटे शहर में तनाव पैदा करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें कदापि नहीं बख्शा जा सकता.

उन्होंने बताया कि कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और चार-पांच आरोपी अब भी फरार हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. इस संबंध में मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बलादंडी ने बताया कि 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार अब भी फरार हैं. गिरफ्तार सभी 22 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और उन्हें पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी ताकि घटना की साजिश और साजिशकर्ताओं की जानकारी मिल सके.

परमेश्वर ने चेतावनी दी कि पत्थरबाजी करने वालों और भड़काने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा, ”बाहरी लोगों को वहां जाकर भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के माध्यम से जानकारी जुटा रही है. दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

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