बेंगलुरु. बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत ने रेणुकास्वामी हत्याकांड के सह-आरोपी अभिनेता दर्शन की वह याचिका मंगलवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने खुद को परप्पन अग्रहारा केंद्रीय कारागार से बल्लारी जेल स्थानांतरित किये जाने का अनुरोध किया था.
अदालत ने कहा कि याचिका में एक जेल से दूसरे में भेजे जाने को लेकर कोई ठोस आधार नहीं दिया गया है, लेकिन उसने (अदालत ने) जेल परिसर के भीतर कुछ सीमित रियायतें देने की अनुमति अवश्य दी. इन रियायतों में दर्शन को जेल परिसर में टहलने की अनुमति शामिल है.
इसके अलावा, अदालत ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं, यथा-एक अतिरिक्त बिस्तर, तकिया और चादर मुहैया कराने की इजाजत दी, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि ये सभी रियायतें जेल नियमावली के तहत ही दी जाएंगी. अदालत ने यह भी कहा कि यदि किसी नियम का उल्लंघन होता है, तो जेल महानिरीक्षक (आईजी-जेल) को आरोपी को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत स्थानांतरित करने का अधिकार होगा.
दर्शन ने सुनवाई के दौरान भावुक अपील करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 30 दिनों से सूरज नहीं देखा और उनके हाथों में फंगल इंफेक्शन हो गया है. उन्होंने कथित तौर पर न्यायाधीश से कहा, ”मुझे जहर देने का आदेश पारित कर दीजिए.” इस पर न्यायाधीश ने उन्हें फटकार लगाई और ऐसी बातें दोबारा न कहने की नसीहत दी. हालांकि अदालत ने स्थानांतरण याचिका खारिज कर दी, लेकिन उन्हें जेल के भीतर टहलने और अतिरिक्त बिस्तर जैसी सीमित राहत प्रदान की गई.
गौरतलब है कि दर्शन, अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा और अन्य कई लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 33-वर्षीय प्रशंसक रेणुकास्वामी का अपहरण कर उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. पुलिस के अनुसार, यह घटना जून 2024 में बेंगलुरु के एक शेड में हुई थी, जहां पीड़ित (रेणुकास्वामी) को तीन दिनों तक बंधक बनाकर यातना दी गई और बाद में उसका शव एक नाले से बरामद किया गया.


