अनुपर्णा ने सिर्फ फलस्तीनी नहीं, बल्कि हर बच्चे के हक की आवाज उठाई: आलोचना पर निर्देशक का परिवार

vikasparakh
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कोलकाता. युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में फलस्तीनी बच्चों की दुर्दशा को उजागर करने वाली पुरस्कार विजेता निर्देशक अनुपर्णा रॉय के परिजनों ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर उनकी (अनुपर्णा) आलोचना से “बहुत दुखी” हैं. परिजनों के मुताबिक, अनुपर्णा ने कहा था कि दुनिया का हर बच्चा शांति का हकदार है, जिसमें युद्धग्रस्त गाजा पट्टी के बच्चे भी शामिल हैं. अनुपर्णा छह अगस्त को ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ के लिए वेनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की ओरिजोंटी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार जीतने के बाद दिए गए अपने भाषण में गाजा पट्टी में युद्ध से पीड़ित फलस्तीनी बच्चों के समर्थन में बोलने के बाद से ही सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं.

उन्होंने अपने भाषण में कथित तौर पर कहा था, “हर बच्चा शांति और आजादी का हकदार है तथा फलस्तीनी भी इस मामले में अपवाद नहीं हैं… इस समय फलस्तीन के साथ खड़ा होना हमारी जिम्मेदारी है. हो सकता है कि मैं अपने देश को नाराज कर दूं, लेकिन अब मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.” पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के कुल्टी स्थित अपने घर से ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर बातचीत में अनुपर्णा की मां मनीषा रॉय (57) ने कहा, “मेरी बेटी ने कुछ भी गलत नहीं कहा. उसने दिल से दुनिया के हर बच्चे के हित की बात की. उसने कहा कि हर बच्चा शांति का हकदार है, जिसमें फलस्तीन के बच्चे भी शामिल हैं.”

रॉय ने कहा, “उसने (अनुपर्णा ने) फलस्तीनी बच्चों से जुड़े मुद्दे पर बात की, उसने जाति, पंथ या धर्म से परे हर बच्चे के बारे में बात की, क्योंकि बच्चों की स्थिति से जुड़ा मुद्दा उसके दिल के बहुत करीब है. चूंकि, महिलाओं में मातृत्व की प्रवृत्ति होती है, इसलिए हम हर बच्चे के बारे में चिंतित हैं, चाहे वह मुस्लिम हो, हिंदू हो, ईसाई हो या यहूदी हो.” उन्होंने कहा, “मेरी बेटी ने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका देने के लिए अपनी मातृभूमि भारत, उसके लोगों और सरकार का आभार जताया.” अनुपर्णा की छोटी बहन ने कहा कि परिवार को इस बात से गहरा दुख हुआ है कि अनुपर्णा को फलस्तीनी बच्चों के बारे में की गई टिप्पणी के लिए सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने दावा किया कि आलोचकों ने भाषण के पूरे संदर्भ को नहीं समझा. उन्होंने कहा, “अनुपर्णा के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए… क्योंकि उन्होंने देश के लिए सम्मान अर्जित किया है.” अनुपर्णा के पिता ब्रह्मानंद रॉय ने कहा, “कुछ लोग सोशल मीडिया पर मेरी बेटी को निशाना बना रहे हैं. यह विवाद बेवजह खड़ा किया जा रहा है. वह मुंबई आ गई है और इन तीखे हमलों से परेशान है. वह इसकी हकदार नहीं है.” अनुपर्णा वेनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की ओरिजोंटी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय हैं. उन्होंने ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ के लिए यह पुरस्कार जीता, जो मुंबई की दो महिलाओं-एक अभिनेत्री और एक कॉर्पोरेट कर्मचारी-के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाती है.

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