शाह ने वीर सावरकर परिसर का उद्घाटन किया, कहा अहमदाबाद भारत की ‘खेल राजधानी’ बनेगा

vikasparakh
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अहमदाबाद. गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताया कि नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम, निर्माणाधीन सरदार पटेल खेल परिसर और विश्व स्तरीय वीर सावरकर खेल परिसर जैसी उत्कृष्ट सुविधाओं से अहमदाबाद देश की ‘खेल राजधानी’ बनेगा. शाह ने रविवार को वीर सावरकर परिसर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि 2036 तक 13 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करके अहमदाबाद को सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में खेलों का केंद्र बनाने की तैयारी चल रही है.

शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखे गए परिसर का उद्घाटन करने के बाद कहा, ”अहमदाबाद हमारे देश की खेल राजधानी बनने जा रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा में है, उसके बगल में सैकड़ों एकड़ में सरदार पटेल खेल परिसर बनाया जा रहा है और अब वीर सावरकर खेल परिसर. ये सभी अहमदाबाद में हैं. ” उन्होंने कहा कि 2029 के विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल यहीं आयोजित किए जाएंगे जबकि अहमदाबाद में (2030) राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है (जिसके लिए भारत ने अपनी बोली प्रस्तुत की है).

शाह ने कहा, ”केंद्र सरकार 2036 में ओलंपिक अहमदाबाद में आयोजित करने के लिए कई तरह की तैयारियां कर रही है. ” वीर सावरकर खेल परिसर को भारत का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक खेल परिसर बताते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को दूसरे स्थान पर आने का सपना नहीं देखना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने हमारे लिए एक लक्ष्य रखा है कि 2047 तक हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो हर क्षेत्र में दुनिया में नंबर एक हो. जब विभिन्न क्षेत्रों की बात आती है तो खेल देश की आत्मा है. अगर दुनिया में सबसे पहले कहीं खेल शुरू हुआ तो वह भारत में था. हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश है और इसे खेलों में पीछे नहीं रहना चाहिए. ” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री ने खेलों के बुनियादी ढांचे और खिलाड़ियों की ट्रेनिंग को विश्वस्तरीय बनाने, चयन को पारदर्शी बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि अच्छा खेलने वालों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले. इन प्रयासों के कारण, पिछले 10 वर्षों में भारत के खेल परिदृश्य में काफ.ी बदलाव आया है. ” केंद्र की नयी खेल नीति की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि इसका उद्देश्य देश को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाए रखना है.

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य खेलों के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करना और इसे शिक्षा से जुड़े एक आंदोलन में बदलना है. शाह ने कहा, ”ऐसी व्यवस्थाओं के कारण भारत ने पिछले आठ वर्षों में 15 ओलंपिक पदक जीते जबकि 1948 से 2012 तक केवल 20 पदक ही जीते थे. इस दौरान पैरालंपिक खेलों में भारत के पदकों की संख्या आठ से बढ़कर 52 हो गई और मूक बधिर ओलंपिक खेलों में पदकों की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई.” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने खेल बजट 2014-15 के 1,643 करोड़ रुपये से बढ़ाकर अब 5,300 करोड़ रुपये कर दिया है.

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