एआई सुरक्षा को लेकर भारत ने प्रौद्योगिकी-विधिक दृष्टिकोण अपनाया: वैष्णव

vikasparakh
0 0
Read Time:3 Minute, 0 Second

नयी दिल्ली. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) सुरक्षा को लेकर भारत ने एक प्रौद्योगिकी-विधिक दृष्टिकोण अपनाया है और सरकार का झुकाव नियमन से अधिक नवाचार की ओर है. वैष्णव ने नीति आयोग की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “दुनिया के कई हिस्से एआई सुरक्षा को केवल कानूनी चुनौती मानते हैं और वे कानून बनाकर पारित कर लेने से यह मान लेते हैं कि एआई सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी.” उन्होंने कहा, “लेकिन भारत ने अलग दृष्टिकोण अपनाया है. हमारा एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट एक वर्चुअल नेटवर्क है, जहां प्रत्येक बिंदु किसी एक विशिष्ट समस्या का समाधान कर रहा है.” वैष्णव ने कहा कि जब नवाचार और नियमन के बीच चुनाव करना होता है, तो भारत का झुकाव नवाचार की ओर रहता है.

उन्होंने यूरोप और अन्य क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्रवृत्ति कानूनी और नियामकीय संस्थान बनाने की है, जबकि भारत में प्रौद्योगिकी को विकसित और अपनाने पर अधिक जोर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण अब तक सफल रहा है और आगे भी मदद करेगा, खासकर उन दूर-दराज. इलाकों में जहां लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी समाधान जरूरी हैं.

केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि भारत की वृद्धि समावेशी और प्रौद्योगिकी-चालित है. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दशकों में सबसे बड़ा परिवर्तन एआई के कारण आया है. जैसे इंटरनेट ने सबकुछ बदल दिया था, वैसे ही एआई हमारी शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्यशैली और उपभोग के तरीकों को मूल रूप से बदल देगी.” एआई क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए उन्होंने शोध एवं विकास और बड़ा प्रतिभा आधार तैयार करने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि ग्राफिक्स प्रसंस्करण इकाई (जीपीयू) की उपलब्धता में भी भारत ने बड़ी प्रगति की है. उन्होंने कहा कि 10,000 जीपीयू के लक्ष्य के उलट आज हमारे पास 38,000 जीपीयू उपलब्ध हैं.”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Next Post

ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रीय ऋण की वजह से भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाया: आरएसएस नेता

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, क्योंकि उन्हें अपने देश के राष्ट्रीय ऋण का निपटान करना है, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अधिक है. उन्होंने कहा […]

You May Like