ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रीय ऋण की वजह से भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाया: आरएसएस नेता

vikasparakh
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, क्योंकि उन्हें अपने देश के राष्ट्रीय ऋण का निपटान करना है, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से अधिक है. उन्होंने कहा कि अन्यथा अमेरिका में संकट आ जाएगा, जो अमेरिका के लिए एक ”विनाशकारी स्थिति” है.

आरएसएस नेता मुकुल कानिटकर ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिका की मौजूदा स्थिति के लिए उसकी गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आज की विकट परिस्थिति में केवल भारत ही ”दुनिया का मार्गदर्शन” कर सकता है.

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा, ”अमेरिका की जीडीपी 30 लाख करोड़ डॉलर से भी कम है… 29 लाख करोड़ डॉलर है. और उनका राष्ट्रीय ऋण 36 लाख करोड़ डॉलर का है. आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया.” कानिटकर ने दावा किया कि अमेरिका ”कम से कम एक सप्ताह के लिए बंद हो जाएगा” और अगर अगले महीने ऋण की राशि का भुगतान नहीं किया गया तो अमेरिकी सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी धन नहीं होगा.

उन्होंने कहा, ”मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) के लिए उन्हें (ट्रंप को) लगता है कि भारत पर 50 प्रतिशत ‘टैरिफ’ लगाना होगा, क्योंकि उन्हें अक्टूबर में 9 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज चुकाना है.” आरएसएस विचारक ने कहा, ”अब आप लोग समझिए कि ट्रंप ताऊ जी की इतनी हालत क्यों खराब है.” उन्होंने कहा, ”यह तथाकथित ‘श्रीमंत’ देशों की ‘अनर्थ व्यवस्था’ का परिणाम है… आज की भयावह स्थिति में केवल भारत ही विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है.” यह कार्यक्रम आरएसएस से जुड़े हिंदी साप्ताहिक पांचजन्य द्वारा आयोजित किया गया.

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