इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में एक व्यस्त सड़क पर बेकाबू ट्रक की चपेट में जाने से तीन राहगीरों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को मृतकों के परिवारों के लिए चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक उपायुक्त समेत नौ अधिकारी-कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा की.
एयरोड्रम रोड पर सोमवार रात हुई घटना के अगले दिन घायल राहगीरों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद यादव ने संवाददाताओं को बताया,”तीनों मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. घायलों का पूरा इलाज कराने के साथ ही उन्हें एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.” यादव ने बताया कि कर्तव्य में पहली नजर में लापरवाही पाए जाने के कारण यातायात पुलिस के एक उपायुक्त (डीसीपी) को तुरंत हटाकर भोपाल के एक कार्यालय से संबद्ध किया जाएगा और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) समेत यातायात पुलिस के आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव घटना की विस्तृत जांच करके पता लगाएंगे कि चूक कहां हुई और वह आगे की कार्रवाई की सिफारिश भी करेंगे. उन्होंने बताया कि भयावह घटना के दौरान दो साल के बच्चे और अन्य राहगीरों की जान बचाने में मुस्तैदी दिखाने के लिए एक पुलिस आरक्षक और एक रिक्शा चालक को पुरस्कृत किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन और इंदौर नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सारे प्रबंध करे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहर में यातायात का भारी दबाव झेलने वाले मार्गों पर नये फ्लाईओवर बनाने पर भी विचार करेगी.
उन्होंने कहा,”आज मैं दुखी मन से कहना चाहूंगा कि कल रात घटना के बाद मुझे बड़ी मुश्किल से नींद आई. इसलिए मैं अपने कार्यक्रम निरस्त करके इंदौर चला आया.” अधिकारियों ने बताया कि घटना में जान गंवाने वाले लोगों की पहचान महेश खतवासे (54), लक्ष्मीकांत सोनी (50) और कैलाशचंद्र जोशी (62) के रूप में हुई है.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) श्रीकृष्ण लालचंदानी ने बताया कि ट्रक के चालक गुलशेर (50) को गिरफ्तार किया गया है और जांच में पता चला कि मूलत: धार जिले का रहने वाला यह व्यक्ति घटना के वक्त नशे में बुरी तरह धुत था. लालचंदानी ने बताया,”हम आरोपी से विस्तृत पूछताछ कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि हादसे में घायल 11 लोगों में से दो लोगों की हालत गंभीर है.
घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में गहरा आक्रोश है. उनका कहना है कि एरोड्रम क्षेत्र के जिस व्यस्त रोड पर घटना हुई, उस पर भारी वाणिज्यिक वाहनों को आने की अनुमति नहीं है और ऐसे में चौराहों पर तैनात यातायात पुलिस र्किमयों की मौजूदगी में ट्रक इस सड़क पर आखिर कैसे आ गया? अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस बात की जांच के निर्देश पहले ही दे दिए हैं कि रात 11 बजे से पहले शहर में भारी वाहन कैसे प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव इस सिलसिले में जांच कर रहे हैं.
इंदौर में राहगीरों को रौंदने वाले ट्रक चालक ने सीमा से सात गुना ज्यादा शराब पी रखी थी : पुलिस
इंदौर में एक व्यस्त सड़क पर बेकाबू तरीके से ट्रक दौड़ाकर राहगीरों को कुचलने वाले 50 वर्षीय चालक ने वाहन चालकों के लिए आम तौर पर तय सीमा से करीब सात गुना ज्यादा शराब पी रखी थी. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारी के मुताबिक एयरोड्रम रोड पर सोमवार रात की इस भयावह घटना में तीन राहगीरों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
अधिकारी ने बताया कि ट्रक के चालक गुलशेर (50) को गिरफ्तार किया गया है और जांच में पता चला कि मूलत? धार जिले का रहने वाला यह व्यक्ति घटना के वक्त नशे में बुरी तरह धुत था. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह ने बताया कि आमतौर पर वाहन चालकों के लिए उनके खून में अल्कोहल की अधिकतम सीमा 0.03 प्रतिशत यानी प्रति 100 मिलीलीटर रक्त में 30 मिलीग्राम अल्कोहल निर्धारित है, लेकिन खौफनाक घटना को अंजाम देने के आरोपी ट्रक चालक के प्रति 100 मिलीलीटर रक्त में 200 मिलीग्राम से ज्यादा अल्कोहल पाया गया.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि आठ पहियों वाला मालवाहक ट्रक चला रहे गुलशेर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 105 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के साथ ही मोटर यान अधिनियम की 185 (नशे की हालत में गाड़ी चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. दंडोतिया ने बताया कि आरोपी ने व्यस्त एयरोड्रम रोड पर सबसे पहले कुछ दोपहिया और तिपहिया वाहनों को टक्कर मारी और फिर वह हर उस राहगीर एवं गाड़ी को टक्कर मारता चला गया जो सड़क पर उसके सामने आई.
उन्होंने बताया,”टक्कर के बाद एक वाहन चालक अपनी मोटरसाइकिल समेत ट्रक के अगले पहिये के नीचे फंस गया और संभवत: दोपहिया वाहन की पेट्रोल की टंकी फटने के बाद आग लग गई. इसके बावजूद आरोपी इसी हालत में ट्रक चलाता रहा. ट्रक रुकने पर आम लोगों ने उसके पहिये के नीचे से उसका जलता हुआ शव खींचकर बाहर निकाला.” घटना में जीवित बचे राहगीर ऐसे ही भयावह पलों को याद करके अब भी सिहर जाते हैं. घटनास्थल के पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती अशोक गोपलानी (71) ने बताया,”हम ऑटो रिक्शा के जरिये छोटा बांगड़दा से राजबाड़ा जा रहे थे. हमारा तिपहिया वाहन यातायात सिग्नल पर लाल बत्ती के कारण रुका था कि ट्रक हमें पीछे से जोरदार टक्कर मारते हुए आगे निकल गया. इससे हम ऑटो रिक्शा में फंस गए.”
उन्होंने बताया,”मेरी बेटी और नाती को ऑटो रिक्शा चालक ने आम लोगों की मदद से दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला और हमें अस्पताल पहुंचाया.” मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि ऑटो रिक्शा चालक अनिल कोठारी और पुलिस आरक्षक पंकज यादव को दो साल के बच्चे एवं अन्य राहगीरों की जान बचाने में मुस्तैदी दिखाने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इंदौर पहुंचकर घटना का जायजा लिया और अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात की. उन्होंने तीनों मृतकों के परिवारों के लिए चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक उपायुक्त (डीसीपी) समेत यातायात पुलिस के नौ अधिकारी-कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा भी की.


