भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का नया प्रायोजक होगा अपोलो टायर्स, 579 करोड़ का सौदा

vikasparakh
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नयी दिल्ली. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 के बाहर निकलने के बाद मंगलवार को अपोलो टायर्स को ढाई साल की अवधि के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का नया जर्सी प्रायोजक बनाने की घोषणा की. सरकार द्वारा पेश किए गए नए कानून के तहत ड्रीम 11 सहित वास्तविक धनराशि वाले गेमिंग मंच पर प्रतिबंध लगाने के बाद बीसीसीआई के पास टीम की जर्सी के लिए कोई प्रायोजक नहीं था.

भारतीय टीम वर्तमान में दुबई में एशिया कप में बिना किसी जर्सी प्रायोजक के खेल रही है. बीसीसीआई ने यहां जारी बयान में कहा, ” बीसीसीआई आज भारतीय टीम के नए प्रमुख प्रायोजक के रूप में वैश्विक टायर उद्योग में अग्रणी अपोलो टायर्स के साथ एक ऐतिहासिक साझेदारी की घोषणा करता है.” उन्होंने कहा,”यह अपोलो टायर्स का भारतीय क्रिकेट से जुड़ा पहला करार है. यह देश के बेहद लोकप्रिय खेल के साथ जुड़ने का एक रणनीतिक कदम है.”

बीसीसीआई ने कहा, ”कड़ी बोली प्रक्रिया के बाद हासिल की गई यह नयी साझेदारी, प्रायोजन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है. यह भारतीय क्रिकेट की विशाल और बढ़ती व्यावसायिक अपील को दर्शाती है.” विश्वसनीय रूप से पता चला है कि यह सौदा मार्च 2028 तक चलेगा. सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत 579 करोड़ रुपये है. यह ड्रीम 11 के साथ इसी अवधि के लिए हुए 358 करोड़ रुपये के समझौते से ज्यादा है. टायर क्षेत्र की इस बड़ी कंपनी के साथ हुए इस सौदे में 121 द्विपक्षीय मैच और 21 आईसीसी मैच शामिल हैं.

बीसीसीआई ने कहा, ”यह समझौता ढाई साल की अवधि के लिए मार्च 2028 में समाप्त होगा. इस समझौते की शर्तों के अनुसार, अपोलो टायर्स का लोगो सभी प्रारूपों में भारतीय पुरुष और महिला राष्ट्रीय टीमों की जर्सी पर दिखाई देगा. यह साझेदारी ड्रीम11 के पिछले प्रायोजन का स्थान लेगी.” ड्रीम 11 ने हाल ही में ‘ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 के प्रचार और विनिमयन’ के कारण अपने वास्तविक धन वाले गेम बंद कर दिए हैं . अधिनियम में कहा गया है कि ”कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, सहायता, उकसाना, प्रेरित, लिप्त या संलग्न नहीं होगा और न ही किसी ऐसे विज्ञापन में शामिल होगा जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यक्ति को कोई भी ऑनलाइन मनी गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करता हो .”

ड्रीम11 के हटने के बाद भारतीय टीम के मुख्य प्रायोजक अधिकारों के लिए बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में बोलियां आमंत्रित करने के साथ ही कहा था कि टीम एशिया कप में बिना किसी मुख्य प्रायोजक के खेलेगी. बीसीसीआई ने उस विज्ञप्ति में ऑनलाइन मनी गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी, सट्टेबाजी , तंबाकू या शराब जैसी चीजों से कंपनियों को बोली प्रक्रिया में शामिल करने से मना कर दिया था.

अपोलो टायर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका मुख्यालय गुरुग्राम में है. टायर निर्माता कंपनी की भारत और यूरोप सहित विदेशों में विनिर्माण इकाइयां हैं. यह घोषणा 28 सितंबर को होने वाली बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले हुई है. इस एजीएम में बोर्ड अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे. बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, ”यह एक व्यावसायिक समझौते से कहीं बढ़कर है. यह दो संस्थानों के बीच साझेदारी है, जिन्होंने लाखों लोगों का विश्वास और सम्मान अर्जित किया है.”

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