दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार, मुख्यमंत्री ने कहा : स्थिति से निपटने को तैयार

vikasparakh
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नयी दिल्ली, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को शहर में बाढ़ की तैयारियों का जायजा लिया और लोगों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, उफनती यमुना का पानी नदी तट से सटे निचले इलाकों में घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हिमालय में लगातार बारिश के बाद वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण इस वर्ष पहली बार दिल्ली में नदी निकासी के स्तर को पार कर गई.

गुप्ता ने यमुना के जलस्तर और प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने के लिए गीता कॉलोनी फ्लाईओवर और पुराने लोहे के पुल के पास बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया. उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे परिवारों से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चौबीसों घंटे निगरानी बनाए हुए है और संबंधित विभाग इसके प्रभाव को कम करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने नागरिकों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

गुप्ता ने प्रभावित इलाकों में काफी समय बिताया और अधिकारियों ने उन्हें विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने राहत कार्यों में लगे अधिकारियों को स्वच्छ पेयजल, भोजन, चिकित्सा सहायता और सुरक्षित आवास जैसी आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों की सुरक्षा और खुशहाली उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि राजधानी में स्थिति नियंत्रण में है और संबंधित विभागों ने ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए पहले ही व्यापक तैयारी कर ली है. उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में यमुना और शहर के नालों की सफाई के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं.

गुप्ता ने कहा, ”यमुना पर बने सभी बैराज गेट खुले हैं, जिससे जलभराव नहीं हो रहा है. नदी स्वतंत्र रूप से बह रही है और पानी तेज़ी से नीचे की ओर बह रहा है. प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए, शहर की ओर के नालों पर लगे ज़्यादातर बैरिकेड्स बंद कर दिए गए हैं.” मौजूदा आंकड़ों के आधार पर, उन्होंने स्पष्ट किया कि यमुना का जलस्तर पिछले रिकॉर्ड को पार करने की उम्मीद नहीं है.
दिल्ली को 2023 में अपनी सबसे खराब बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा, जब भारी बारिश के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए, फलस्वरूप 25,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था. पिछले साल 13 जुलाई को यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया.

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