दिल्ली/गुरुग्राम. हरियाणा के कुख्यात वांछित अपराधी मैनपाल ढिल्ला को राज्य पुलिस, केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा समन्वित एक अभियान में कंबोडिया से प्रत्यार्पित किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
हरियाणा के झज्जर जिले के बादली गांव का निवासी मैनपाल ढिल्ला उफ.र् मैनपाल बादली पर हत्या समेत 22 मामले दर्ज हैं.
अधिकारियों ने बताया कि 2007 और 2010 में दर्ज तीन मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद वह हिसार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. अधिकारियों ने बताया कि ढिल्ला पर जेल में रहते हुए एक व्यक्ति की हत्या का भी आरोप है. उसे 17 जुलाई 2018 को पैरोल पर रिहा किया गया था, जिसके बाद वह फर्जी पहचान पत्र के साथ विदेश भाग गया था.
हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छह नवंबर 2024 को इंटरपोल के माध्यम से ढिल्ला के खिलाफ ‘रेड नोटिस’ जारी करवाया और एनसीबी बैंकॉक से संपर्क किया, जिससे पता चला कि वह थाईलैंड से कंबोडिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी कोलकाता से बैंकॉक होते हुए कंबोडिया पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने तुरंत एनसीबी-नोम पेन्ह से संपर्क किया और प्राधिकारियों को सूचित किया कि वांछित अपराधी फर्जी दस्तावेज पर यात्रा कर रहा है. ढिल्ला ने कंबोडिया के सिएम रीप इलाके में अपना अड्डा बना लिया था. वह एक नाइट क्लब चलाता था, एक स्थानीय महिला से शादी कर चुका था और उससे उसके तीन बच्चे भी थे.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ”छब्बीस मार्च 2025 को इंटरपोल के माध्यम से एनसीबी-नोम पेन्ह, कंबोडिया को अनंतिम गिरफ्तारी का अनुरोध भेजा गया था. एनसीबी-नोम पेन्ह ने 24 जुलाई 2025 को अपराधी की गिरफ्तारी की सूचना दी और राजनयिक माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजने के लिए कहा. कंबोडियाई अधिकारियों ने बाद में सूचित किया कि उन्होंने वांछित अपराधी को भारतीय अधिकारियों को सौंपने का फैसला किया है.” उन्होंने बताया कि बाद में हरियाणा पुलिस की एक विशेष टीम (एसटीएफ) कंबोडिया गई और मंगलवार को ढिल्ला को वापस ले आई.
दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचते ही एसटीएफ ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ के महानिरीक्षक बी. सतीश बालन ने बताया, “हम आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं.” ढिल्ला को 29 अप्रैल, 2013 को बहादुरगढ. में दर्ज एक मामले में हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियारों के इस्तेमाल और आपराधिक षड्यंत्र के अपराध में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले भी उसे दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. जेल में सजा काटते समय उसे हिसार केंद्रीय कारागार से छह सप्ताह की पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह जेल नहीं लौटा और फरार हो गया.


