काठमांडू. नेपाल की सेना ने मंगलवार को कहा कि वह रात 10 बजे से सुरक्षा अभियानों की कमान संभाल लेगी. यह जानकारी काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में 27 घंटे तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद दी गई.
जनसंपर्क एवं सूचना निदेशालय की ओर से जारी एक बयान में सेना ने कहा, ”कुछ समूह कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.” सेना ने चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसी गतिविधियां जारी रहीं तो नेपाल सेना सहित सभी सुरक्षा तंत्र हिंसा को रोकने के लिए जुट जाएंगे. नेपाल सेना ने जनता से सहयोग की अपील भी की और नागरिकों से विनाशकारी गतिविधियों में शामिल न होने या उनका समर्थन न करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे का प्रदर्शनकारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ा और इस्तीफे के बाद भी मंगलवार को नेपाल के कई हिस्सों में हिंसा जारी रही. प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सर्वोच्च न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आगजनी की.
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जेड’ की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री ओली के कार्यालय में घुसकर उनके इस्तीफे की मांग करने के तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया.


