नयी दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर अब उन्हें निर्वाचन आयोग के अंदर से मदद मिल रही हैं और सूचनाएं उन तक पहुंच रही हैं. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने का काम उनका नहीं, बल्कि संस्थाओं का है, लेकिन संस्थाओं के अपना काम नहीं करने के कारण वह बतौर नेता प्रतिपक्ष यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मुहिम के क्रम में बृहस्पतिवार को मतदाता सूचियों से ”कांग्रेस समर्थक मतदाताओं” के नाम हटाए जाने का विषय उठाया और आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ”लोकतंत्र की हत्या करने वालों” तथा ”वोट चोरों” की रक्षा कर रहे हैं. निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को गलत और निराधार करार दिया.
राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ”निर्वाचन आयोग के अंदर से हमें मदद मिलनी शुरू हो गई है. यह रुकने वाला नहीं है.” उनका कहना था कि एक बार देश की जनता और युवाओं को पता लग गया कि ‘वोट चोरी’ हो रही है तो इसे रोकने के लिए वे अपनी ताकत लगा देंगे.
राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के विषय पर न्यायालय जाने की संभावना से जुड़े सवाल पर कहा, ”सच कहूं तो, मैं यहां जो कर रहा हूं, वह मेरा काम नहीं है. मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी करना है. मेरा काम लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करना नहीं है. यह काम भारत की संस्थाओं का है; वे ऐसा नहीं कर रही हैं, इसलिए मुझे करना पड़ रहा है.” उन्होंने कहा, ”हमारी प्रस्तुति के अंत तक, जिसमें 2-3 महीने लगेंगे, आपके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रहेगा कि भारत में राज्य दर राज्य, लोकसभा दर लोकसभा चुनाव, वोटों की चोरी होती रही है.”
‘वोट चोरों’ की रक्षा कर रहे हैं सीईसी, उन्हें कर्नाटक की सीआईडी को सबूत सौंपना चाहिए: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए बृहस्पतिवार को मतदाता सूचियों से ”कांग्रेस समर्थक मतदाताओं” के नाम हटाए जाने का विषय उठाया और आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ”लोकतंत्र की हत्या करने वालों” तथा ”वोट चोरों” की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सीईसी को ”बहाने बनाना” बंद करके कर्नाटक की सीआईडी को ‘वोट चोरी’ का सबूत सौंपना चाहिए. निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को गलत और निराधार करार दिया.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बार-बार लगाए गए आरोप भारतीय लोकतंत्र में उनके और कांग्रेस के अविश्वास को दर्शाते हैं तथा वह घुसपैठिए को बचाने की राजनीति करते हैं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में संवाददाता सम्मेलन में कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास सुनियोजित तरीके से किया गया तथा इसमें सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ.
उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानेश कुमार को ‘वोट चोरों’ को संरक्षण देना बंद करना चाहिए और एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को कर्नाटक की सीआईडी के साथ पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए. उनके अनुसार, जिनके नाम हटाने के प्रयास हुए और जिनके नाम का इस्तेमाल कर नाम हटाने के आवेदन दिए गए, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि यह ”हाइड्रोजन बम” नहीं है और वह आगे आने वाला है.
राहुल गांधी ने बीते एक सितंबर को पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के मौके पर ‘वोट चोरी’ से जुड़े अपने पहले के खुलासे का हवाला देते हुए दावा किया था कि ”एटम बम” के बाद अब ”हाइड्रोजन बम” आने वाला है, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को अपना ”मुंह नहीं दिखा पाएंगे”.
उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कथित वोट चोरी का मुद्दा बीते सात अगस्त को संवाददाता सम्मेलन के जरिए उठाया था. इस खुलासे को उन्होंने “एटम बम” कहा था. राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए. उन्होंने कहा कि ऐसा कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया तथा दलित, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक मतदाताओं को विशेष रूप से निशाना बनाया गया.
उन्होंने मंच पर कुछ ऐसे लोगों को पेश किया, जिनके नाम का इस्तेमाल करके मतदाता सूची से नाम हटाने के आवेदन किए गए. ऐसी एक महिला नाम गोदाबाई है, जिनका वीडियो राहुल गांधी ने जारी किया. उनका दावा है कि उनके नाम पर 12 लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए. राहुल गांधी ने सवाल किया, ”जिन नंबर से 12 लोगों के नाम हटाए गए गए, वह किनके नंबर हैं? ये मोबाइल नंबर किसने और कहां से ऑपरेट किए? इन नंबरों का आईपी एड्रेस क्या था? नाम हटाने के लिए ओटीपी किसको गया?” उनका कहना है कि जब इन नंबरों पर फोन किया जाता है, तो कोई जवाब नहीं आता.
राहुल गांधी ने कहा, ”इस मामले की जांच कर्नाटक की सीआईडी कर रही है. सीआईडी ने 18 पत्र भेजकर कुछ जानकारियां मांगी… लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई क्योंकि इससे वहां तक पहुंचा जा सकेगा जहां से यह अभियान चलाया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र में इसी तरीके का इस्तेमाल करके 6850 नाम जोड़े गए.
कांग्रेस नेता का कहना था, ”देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी से हमारी मांग है कि आप अपना काम कीजिए, क्योंकि आपने शपथ ली है. हमारी मांग है कि कर्नाटक की सीआईडी जो सबूत मांग रही है, आप उन्हें सात दिन के अंदर दे दीजिए. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो पूरा हिंदुस्तान मान लेगा कि आप संविधान की हत्या में शामिल हैं और वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं.” आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ”राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं. किसी भी वोट को ऑनलाइन किसी भी व्यक्ति द्वारा हटाया नहीं जा सकता, जैसा कि गांधी ने गलत धारणा बनाई है.” उसने यह भी कहा कि 2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के ”कुछ असफल प्रयास” किए गए थे और मामले की जांच के लिए आयोग के अधिकारियों ने खुद एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
आयोग के खंडन के बाद राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से सीईसी पर फिर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ”हमारे आलंद उम्मीदवार द्वारा धोखाधड़ी का पर्दाफ.ाश करने के बाद, स्थानीय चुनाव आयोग अधिकारी ने एक प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन सीआईडी ??जांच को मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है. कर्नाटक सीआईडी ??ने 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर सभी सबूत मांगे हैं – मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा रोक दिया गया है.” उन्होंने कहा कि अगर यह वोट चोरी पकड़ी नहीं जाती और 6,018 वोट हटा दिए जाते और कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव हार सकता था.
राहुल गांधी ने कहा, ”मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, आप बहाने बनाना बंद करें. कर्नाटक सीआईडी ??को सबूत तुरंत सौंपें.” पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि ”घुसपैठियों को बचाने की राजनीति” कांग्रेस नेता का एकमात्र एजेंडा प्रतीत होता है.
उन्होंने कहा कि यदि अवैध मतदाताओं को बचाने के कांग्रेस के कथित एजेंडे को अनुमति दी गई तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को सबसे अधिक नुकसान होगा. राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन के बाद कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक बी आर पाटिल ने आरोप लगाया कि 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के वोटों को जानबूझकर काटा गया. विधायक ने 2023 में 10,000 से अधिक मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीता था.


