गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक परिवार को सरकारी अस्पताल से वाहन नहीं मिलने पर 60 वर्षीय महिला का शव लगभग 2.5 किलोमीटर तक खाट पर ले जाना पड़ा. मृतक के परिजनों ने यह जानकारी दी. गरियाबंद जिले के निवासी दीपचंद पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी रिश्तेदार इच्छाबाई पटेल की सोमवार को मैनपुर विकासखंड के अमलीपदर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के दौरान मौत हो गई.
पटेल ने बताया, ”जब हमने शव को घर ले जाने के लिए वाहन मांगा तब अस्पताल के कर्मचारियों ने मना कर दिया. वहीं निजी वाहन मालिकों ने भारी रकम की मांग की, जिसे हम वहन नहीं कर सकते थे. हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था, जिसके बाद हम शव को खाट पर ढोकर अमलीपदर से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर अपने गांव नयापारा ले गए.” सोशल मीडिया पर जारी इस घटना के एक वीडियो में चार लोग खाट को अपने कंधों पर उठाकर सड़क पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं.
घटना के बारे में पूछे जाने पर गरियाबंद कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने कहा कि उन्होंने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. उइके ने कहा, ”इस बारे में जानकारी मिलने के बाद मैंने सीएमएचओ से बात की. उनके अनुसार, अस्पताल के कर्मचारियों ने परिवार को सूचित किया था कि देवभोग (अमलीपदर से लगभग 26 किलोमीटर दूर) से एक वाहन आ रहा है, लेकिन रिश्तेदारों ने उसका इंतज.ार नहीं किया.” उन्होंने कहा कि अमलीपदर में मौजूद एक वाहन को पहले एक मामले के सिलसिले में पुलिस ले गई थी. इस दौरान वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया और तब से क्षतिग्रस्त पड़ा है. कलेक्टर ने कहा, ”ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग को निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने और पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं.”


