आदि कर्मयोगी लाएंगे जनजातीय गांवों में जमीनी बदलाव: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

vikasparakh
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रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित सड्डू के प्रयास आवासीय विद्यालय में आदि सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय गांवों के जमीनी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा. मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके शतायु एवं दीर्घायु जीवन की कामना की. कार्यक्रम में अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनजातीय गांवों का ट्राइबल विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार किया जाएगा, जो दीर्घकालीन विकास का रोडमैप बनेगा. आगामी 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभाओं में इसका अनुमोदन किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के धार से इस अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है. इसके तहत ऐसे वालंटियर चिन्हांकित किए जाएंगे जो गांव की बेहतरी के लिए विजन रखते हों और उसे जमीनी स्तर पर लागू कर सकें. देशभर में 20 लाख वालंटियर तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें से छत्तीसगढ़ के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार वालंटियर तैयार किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने आदि सेवा केंद्रों की स्थापना भी की है, जहां ग्रामीण शासन की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकेंगे.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे देश की जनजातीय विरासत गौरवशाली रही है. राज्य सरकार शहीद वीरनारायण सिंह और गुंडाधुर जैसे जनजातीय नायकों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही है. नवा रायपुर में जनजातीय नायकों की स्मृतियों को सहेजने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है. वहीं ट्राइबल म्यूजियम में छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनजातीय गांवों के लिए पीएम जनमन योजना तथा धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के अंतर्गत दिए गए बजट के अनुरूप तेजी से कार्य हो रहा है. जिन क्षेत्रों तक विकास की गति अभी पूर्ण रूप से नहीं पहुँची है, वहाँ अब आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से प्रत्येक घर तक विकास पहुँचाया जाएगा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा.

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है. इसके माध्यम से देश के 11 करोड़ से अधिक आदिवासियों के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में लोकप्रिय नेता और नए भारत के निर्माता प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से ही 2047 तक विकसित भारत का संकल्प अवश्य पूरा होगा. हमारी सरकार सेवा, समर्पण और मिशन मोड पर आदि कर्मयोगी अभियान को आगे बढ़ा रही है. रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं और आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा.

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणी बोरा ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार आदि साथी व आदि सहयोगी तैयार किए जा रहे हैं. ये सहयोगी आदिवासी परिवारों से उनकी भाषा में संवाद कर उनकी समस्याओं व अपेक्षाओं को समझेंगे और विकास की दिशा तय करने में सहभागी बनेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी राज्योत्सव तक 50 हजार आदि कर्मयोगी तैयार करने का लक्ष्य है. साथ ही, शिष्यवृत्ति प्रदाय की समय-सीमा तय कर दी गई है ताकि विद्यार्थियों को राशि समय पर उनके खातों में प्राप्त हो सके.

शिष्यवृत्ति और भोजन सहायता के तहत 6.2 करोड़ की राशि अंतरित

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आदि सेवा पखवाड़ा के शुभारंभ अवसर पर आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास तथा पिछड़ा वर्ग विभाग की योजनाओं के तहत प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों में निवासरत 8,370 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं भोजन सहायता योजना की राशि 6 करोड़ 2 लाख 19 हजार 270 रुपये का ऑनलाइन अंतरण उनके खातों में किया.

एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत पौधरोपण

मुख्यमंत्री साय ने प्रयास आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के अंतर्गत जामुन का पौधा रोपा. इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने पेंटिंग व रंगोली प्रदर्शित की, जिनका मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की. विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को उनके चित्र की पेंटिंग भेंट की.

मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों के साथ किया भोजन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रयास आवासीय विद्यालय सड्डू में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के छात्र किशन बैगा और छात्रा अंजुला बैगा को अपने बगल में बैठाकर विद्यार्थियों के साथ भोजन किया. मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ मुनगा की सब्जी, पूड़ी और दाल-भात का स्वाद लेते हुए उनसे आत्मीय बातचीत की. किशन ने बताया कि वह मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लाखनटोला गांव का निवासी है और प्रयास विद्यालय सड्डू में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है. मुख्यमंत्री ने उससे गांव में प्रधानमंत्री जनमन योजना के कार्यों के बारे में पूछा. कक्षा 12वीं की छात्रा अंजुला ने बताया कि वह देवगढ़ गांव (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की रहने वाली है और जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई कर रही है. मुख्यमंत्री ने दोनों को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया.

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